"प्रवेशद्वार:जीव विज्ञान/चयनित लेख": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Animal mitochondrion diagram hi.svg|right|80px|आक्सी श्वसन का क्रिया स्थल, [[माइटोकान्ड्रिया]]]]<div style="font-size:90%;border:none;margin: 0;padding:.1em;color:#000"> सजीव [[कोशिका|कोशिकाओं]] में भोजन के [[आक्सीकरण]] के फलस्वरूप [[ऊर्जा]] उत्पन्न होने की क्रिया को [[कोशिकीय श्वसन]] कहते हैं। यह एक [[केटाबोलिक क्रिया]] है जो [[आक्सीजन]] की उपस्थिति या अनुपस्थिति दोनों ही अवस्थाओं में सम्पन्न हो सकती है। इस क्रिया के दौरान मुक्त होने वाली ऊर्जा को [[एटीपी]] नामक [[जैव अणु]] में संग्रहित करके रख लिया जाता है जिसका उपयोग सजीव अपनी विभिन्न जैविक क्रियाओं में करते हैं। यह [[जैव-रासायनिक क्रिया]] [[पौधा|पौधे]] एवं [[जन्तु|जन्तुओं]] दोनों की ही कोशिकाओं में दिन-रात हर समय होती रहती है। कोशिकाएँ भोज्य पदार्थ के रूप में [[ग्लूकोज]], [[अमीनो अम्ल]] तथा [[वसीय अम्ल]] का प्रयोग करती हैं जिनको आक्सीकृत करने के लिए आक्सीजन का परमाणु [[इलेक्ट्रान]] ग्रहण करने का कार्य करता है।
 
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[[चित्र:Agar plate with colonies.jpg|right|100px|सूक्ष्मजीवों से स्ट्रीक्ड एक अगार प्लेट]]<div style="font-size:95%;border:none;margin: 0;padding:.1em;color:#000">'''[[सूक्ष्मजैविकी]]''' उन सूक्ष्मजीवों का अध्ययन है, जो एककोशिकीय या सूक्ष्मदर्शीय कोशिका-समूह[[जंतु]] होते हैं। इनमें [[यूकैर्योट्स]] जैसे [[कवक]] एवं[[प्रोटिस्ट]], और [[प्रोकैर्योट्स]], जैसे जीवाणु और आर्किया आते हैं। विषाणुओं को स्थायी तौर पर जीव या प्राणी नहीं कहा गया है, फिर भी इसी के अन्तर्गत इनका भी अध्ययन होता है। संक्षेप में सूक्ष्मजैविकी उन सजीवों का अध्ययन है, जो कि नग्न आँखों से दिखाई नहीं देते हैं। सूक्ष्मजैविकी अति विशाल शब्द है, जिसमें [[विषाणु विज्ञान]], [[कवक विज्ञान]],[[परजीवी विज्ञान]], [[जीवाणु विज्ञान]], व कई अन्य शाखाएँ आतीं हैं। सूक्ष्मजैविकी में तत्पर शोध होते रहते हैं एवं यह क्षेत्र अनवरत प्रगति पर अग्रसर है। अभी तक हमने शायद पूरी [[पृथ्वी]] के सूक्ष्मजीवों में से एक प्रतिशत का ही अध्ययन किया है। हाँलाँकि सूक्ष्मजीव लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व देखे गये थे, किन्तु जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं, जैसे जंतु विज्ञान या पादप विज्ञान की अपेक्षा सूक्ष्मजैविकी अपने अति प्रारम्भिक स्तर पर ही है।[[सूक्ष्मजैविकी|'''विस्तार से पढ़ें'''...]]
| rowspan = 2 | '''सरल समीकरण'''
</div>
| C<sub>6</sub>H<sub>12</sub>O<sub>6 </sub> + 6O<sub>2 </sub> → 6CO<sub>2 </sub> + 6H<sub>2</sub>O<sub> </sub>
|-
|ΔG = -2880 किलो जूल (प्रति ग्लूकोज का अणु)
|}
'''[[कोशिकीय श्वसन|विस्तार से पढ़ें]]'''</div>