नया पृष्ठ: दसम ग्रन्थ, सिखों का धर्म ग्रन्थ है जोकि [[गुरु गोबिन्द सिंह|सतगुर ...
 
No edit summary
पंक्ति 3:
सतगुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन काल में अनेक रचनाए की जिनकी छोटी छोटी पोथियाँ बना दीं | उन की मौत के बाद उन की धर्म पत्नी [[माता सुन्दरी]] की आज्ञा से [[भाई मणी सिंह]] खालसा और अन्य [[खालसा]] भाइयों ने गुरु गोबिंद सिंह जी की सारी रचनाओ को इकठा किया और एक जिल्द में चढ़ा दिया जिसे आज "दसम ग्रन्थ" कहा जाता है | दसम ग्रन्थ का सत्कार सारी सिख कौम करती है |
 
हलाकि आज१९०५ ईसवीं से कुछ विदवान दसम ग्रन्थ की बानी के इतिहास और विचारधारा पर शंका करते रहें हैं लेकिन पांचो तख़्त, [[निहंग]] जथेबंदी, अथवा अनेक [[सिख]] संस्थाएं उन विद्वानों के शंकाओं को ख़ारिज कर चुके हैं और इस ग्रन्थ को गुरु की बानी का दर्जा दिया जा चूका है |
 
==दसम ग्रन्थ की बानी ==