"समरक़न्द": अवतरणों में अंतर
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'''समरक़न्द''' ({{lang-uz|Samarqand, Самарқанд}}, {{lang-fa|سمرقند}}, [[UniPers]]: "Samarqand") [[उज्बेकिस्तान]] का दूसरा सबसे प्रमुख नगर है । केन्द्रीय एशिया में स्थित एक नगर है जो ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण नगर रहा है । इस नगर का महत्व [[रेशम मार्ग]] पर पश्चिम और [[चीन]] के मध्य स्थित होने के कारण बहुत अधिक है । [[भारत]] के इतिहास में भी इस नगर का महत्व है क्योंकि [[बाबर]] इसी स्थान के शासक बनने की चेष्टा करता रहा था । बाद में
स्थिति : 39° 39' उ. अ., तथा 66° 56' पू. दे.। यह मंगोल बादशाह [[तैमूर लंग|तैमूर]] की राजधानी रहा। समरकंद से 719 मीटर ऊँचाई पर, [[ज़रफ़ शान]] की उपजाऊ घाटी में स्थित है। यहाँ के निवासियों के मुख्य व्यवसाय बागवानी, धातु एवं मिट्टी के बरतनों का निर्माण और कपड़ा, रेशम गेहूँ, चावल, घोड़ा, खच्चर, फल इत्यादि बागवानी, धातु एवं मिट्टी के बरतनों का निर्माण और कपड़ा, रेशम, गेहूँ, चावल, घोड़ा, खच्चर, फल इत्यादि का व्यापार है। शहर के बीच रिगिस्तान नामक एक चौराहा है, जहाँ पर विभिन्न रंगों के पत्थरों से निर्मित कलात्मक इमारतें विद्यमान हैं। शहर की चारदीवारी के बाहर तैमूर के प्राचीन महल हैं। ईसा पूर्व 329 में [[सिकंदर महान्]] ने इस नगर का विनाश किया था। 1221 ई. में इस नगर की रक्षा के लिए 1,10,000 आदमियों ने [[चंगेज खाँ]] का मुकाबला किया। 1369 ई. में तैमूर ने इसे अपना निवासस्थान बनाया। 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में यह [[चीन]] का भाग रहा। फिर [[बुखारा]] के अमीर के अंतर्गत रहा और अंत में सन् 1868 ई. में [[रूस]] का भाग बन गया।
== स्रोत ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
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* [http://www.visituzbekistan.eu/Samarkand.html Discover Samarkand]
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