"त्राजान": अवतरणों में अंतर

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त्राजान ने अपने राजकाल में रोम में बहुत से निर्माण करवाए, जिनमें से कई अभी तक खड़े हैं, जैसे की त्राजान का स्तम्भ ([[इतालवी भाषा|इतालवी]]: Colonna Traiana), त्राजान का बाज़ार (Mercati di Traiano) और त्राजान का सभास्थल (Forum Traiani)। अपने राज के आरम्भ में ही उसने मध्य पूर्व के [[नबाती|नबाती राज्य]] को परास्त करके उसका रोमन साम्राज्य में विलय कर लिया। उसने आधुनिक [[रोमानिया]] के भी कई क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा किया, जो वहाँ [[सोना|सोने]] की कई खाने होने से रोम के लिए बहुत लाभदायक रहा। उसकी सेनाओं ने [[आर्मीनिया]] और [[मेसोपोटामिया]] के कई भागों को भी रोम के साम्राज्य में शामिल कर लिया। उसके अभियानों से रोमन साम्राज्य का क्षेत्रफल अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया। सन् ११७ में रोम की तरफ़ लौटते हुए त्राजान की तबियत ख़राब हुई और एक दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। रोम की संसद ने उसके मरणोपरांत उसे एक देवता घोषित कर दिया और उसकी अस्तियों को त्राजान के स्तम्भ के नीचे दफ़ना दिया गया। उसके बाद राज की बागडोर उसके गोद-लिए पुत्र हेड्रियन (Hadrian) ने संभाली।
 
समय के साथ त्राजान की ख्याति बनी रही। उसके बाद हर नया सम्राट चुनने पर रोम की संसद उसे "औगस्तस से अधिक भाग्य पाओ और त्राजान से अच्छे बनो" (felicior Augusto, melior Traiano) का आशीर्वाद देने लगी।<ref name="ref09xixaj">{{cite web | title=The Cambridge ancient history: The High Empire, A.D. 70-192 | author=Alan K. Bowman, Peter Garnsey, Dominic Rathbone | publisher=Cambridge University Press, 2000 | isbn=9780521263351 | url=http://books.google.com/books?id=mhNUGgG2eacC | quote=''... Pliny's prediction that the tide 'Optimus' would always be associated with him was fulfilled: for centuries after, new emperors were hailed as 'Felicior Augusto, melior Traiano' ...''}}</ref>
 
==इन्हें भी देखें==