"पश्चिम बंगाल": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 88:
== संस्कृति ==
[[नृत्य]], [[संगीत]] तथा चलचित्रों की यहां लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है ।[[दुर्गापूजा]] ([[बांग्ला भाषा|बांग्ला]]: দুর্গাপূজা ''दुर्गापुजा'') यहां अति उत्साह तथा व्यापक जन भागीदारी के साथ मनाई जाती है। [[क्रिकेट]] तथा [[फुटबॉल]] यहां के लोकप्रियतम खेलों में से हैं । [[सौरभ गांगुली]] जैसे खिलाङी तथा [[मोहन बगान]] एवं [[इस्ट बंगाल]] जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं। अगर आंकङों पर जांय तो ''[[नक्सलवाद]]'' जैसे शब्दों का जन्म यहीं हुआ, पर यहां के लोगों की शांतिप्रियता ही वो चीज है जो सर्वत्र दर्शास्पद (देखने लायक) है। परस्पर बातचीत में ''तूइ''(बांग्ला - তুই) (हिन्दी के [[तू]] के लगभग समकक्ष), ''तूमि'' (बांग्ला - তুমি) (हिन्दी के [[तुम]] के लगभग समकक्ष), तथा ''आपनि'' (बांग्ला - আপনি) (हिन्दी के [[आप]] के समकक्ष), का प्रयोग द्वितीय पुरूष की वरिष्ठता के आधार पर किया जाता है। शहरों में लोग प्रायः छोटे परिवारों में रहते हैं। यहां के लोग मछली-भात ([[बांग्ला]] - মাছ ভাত (माछ-भात)) बहुत पसंद करते हैं । यह प्रदेश अपनी मिठाईयों के लिये काफी प्रसिद्ध है - रसगुल्ले का आविष्कार भी यहीं हुआ था ।
 
==साहित्य आंदोलन==
बांग्ला भाषा में एकही साहित्य आंदोलन हुये हैं और वो है '''भुखी पीढी''' आंदोलन जो साठके दशक में [[शक्ति चट्टोपाध्याय]], [[मलय रायचौधुरी]], [[देबी राय]], [[सुबिमल बसाक]], [[समीर रायचौधुरी]] प्रमुख कविगण बिहार के [[पटना]] शहर से शुरु किये थे एवम जो पुरे बंगाल में तहलका मचा दिया था; यंहा तक की आंदोलनकारईयों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया गया था। बाद में सब बाइज्जत बरी हो गये थे, परन्तु उनलोगों का ख्याति पुरे भारत में तथा अमरिका योरोप में भी फैल गया था।