"कार्बन-१४ द्वारा कालनिर्धारण": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 23:
:<math>\mathrm{~^{14}_{6}C}\rightarrow\mathrm{~^{14}_{7}N}+ e^{-} + \bar{\nu}_e</math>
[[कार्बन १४]] की खोज [[२७ फरवरी]], [[१९४०]] में मार्टिन कैमेन और सैम रुबेन ने [[
जब कार्बन का अंश पृथ्वी में दब जाता है तब कार्बन-१४ ('''<sup>१४</sup>C''') का रेडियोधर्मिता के कारण ह्रास होता रहता है। पर कार्बन के दूसरे समस्थाकनिकों का वायुमंडल से संपर्क विच्छे१द और [[कार्बन डाईऑक्साइड|कार्बन-द्वि-ओषिद]] न बनने के कारण उनके आपस के अनुपात में अंतर हो जाता है। पृथ्वी में दबे कार्बन में उसके समस्थानिकों का अनुपात जानकर उसके दबने की आयु का पता लगभग शताब्दी में कर सकते हैं। <ref>[http://v-k-s-c.blogspot.com/2008/02/ays-of-civilisation-and-legends-sabhyta.html सभ्यरता की प्रथम किरणें एवं दंतकथाऍं- कालचक्र: सभ्यता की कहानी] । [[१९ फरवरी]], [[२००८]]। मेरी कलम से</ref>
|