"अंबुड्समान": अवतरणों में अंतर

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स्वीडन में पहली बार स्थापित यह संस्था अपने देश के प्रशासकीय एवं जनप्रतिनिधियों के कार्यकलापों पर निगरानी रखती है, उनके खिलाफ जनता द्वारा दर्ज शिकायतों की जाँच करती है और दोष सही पाने पर कार्यवाई करती है या उसकी व्यवस्था करती है।
== इतिहास ==
कोस्वीडन इस बात का श्रेय है. वहांमें वर्ष 1713 में किंग चाल्र्स बारहवें ने अपने एक सभासद को उन अधिकारियों को दंडित करने के लिए नियुक्त किया जो कानून का उल्लंघन करते थे. स्वीडन मेंथे। नया संविधान बनने पर संविधान सभा के सदस्यों ने जिदइसपर जोर डाला कीकि कि उनका ही एक अधिकारी जांच का कार्य करेगा. वह सरकारी अधिकारी नहीं हो सकता. तब 1809 में स्वीडन के संविधान में अंबुड्समान की व्यवस्था हुई जो अदालतों और लोकसेवकों द्वारा कानूनों तथा विनियमों के उल्लंघन के प्रकरण की जांच करेगा.
 
उसे राष्ट्रपति द्वारा चार वर्ष के लिए नामजद किये जाने की परंपरा है. वह निस्संदेह देश के सर्वश्रेष्ठ न्यायविद और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों में से होता है. प्रत्येक वर्ष संसद के प्रारंभिक सत्र में उसका वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाता है. स्वीडन के शासकीय सेवक मंत्रीय नियंत्रण में नहीं होते. वहां मंत्री केवल नीति विषयक मामलों से संबद्ध होते हैं जबकि प्रशासन अधिकतर स्वशासी होता है.
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नार्वे के अंबुड्मान को स्वीडन की तरह अभियोजन चलाने का अधिकार नहीं होता और न ही वह डेनमार्क के अंबुड्समान की तरह किसी अधिकारी के विरुद्ध अभियोजन चलाने के आदेश दे सकता है. वह केवल ध्यान आकृष्ट करता है कि अमुक अधिकारी ने अमुक गलती की है और उस पर संस्तुति करता है कि दोषी अधिकारी के विरुद्ध उचित न्यायिक कार्यवाही की जाए. न्यायाधीश और मंत्री नार्वे के अंबुड्समान की परिधि से बाहर होते हैं.
 
== सबसे प्रभावी लोकपाल संस्थान ==
संयुक्त राष्ट्र संघ के एक सेमिनार में राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों के आचरण तथा कर्तव्य पालन की विश्वसनीयता तथा पारदर्शिता को लेकर दुनिया की विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों में उपलब्ध संस्थाओं की जांच की गई. स्टॉकहोम में हुए इस सम्मलेन में वर्षों पूर्व आम आदमी की प्रशासन के प्रति विश्वसनीयता तथा प्रशासन के माध्यम से आम आदमी के प्रति सत्तासीन व्यक्तियों की जवाबदेही बनाए रखने के संबंध में विचार-विमर्श हुआ. लोक सेवकों के आचरण की जांच और प्रशासन के स्वस्थ मानदंडों को प्रासंगिक बनाए रखने के संदर्भों की पड़ताल भी की गई.