"हैली धूमकेतु": अवतरणों में अंतर

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हैली , २०० वर्ष या उससे कम कक्षीय अवधि के साथ एक आवर्ती या लघु-अवधि धूमकेतु के रूप में वर्गीकृत है | इसके विपरीत दीर्घ-अवधि धूमकेतु अपनी परिक्रमा हजारों वर्षों में पूरी करते है | आवर्ती धूमकेतुओं का क्रांतिवृत्त से औसत झुकाव केवल १० डिग्री है और इसकी औसत कक्षीय अवधि सिर्फ ६.५ वर्ष है | इस प्रकार हैली की कक्षा कुछ अप्रारूपिक है | सर्वाधिक लघु अवधि धूमकेतु जिसकी कक्षीय अवधि २० वर्ष से कम और क्रांतिवृत्त से झुकाव २०-३० डिग्री या उससे कम होता है ' बृहस्पति परिवार धूमकेतु ' कहलाते हैं | हैली के जैसे वें आवर्ती धूमकेतु जिनकी कक्षीय अवधि २० और २०० वर्ष के बीच है और जिनके क्रांतिवृत्त से झुकाव का विस्तार ० डिग्री से ९० डिग्री या उससे अधिक है ' हैली- टाइप धूमकेतु ' कहलाते है | आज दिन तक पहचाने गए करीबन ४०० बृहस्पति परिवार धूमकेतुओं में से केवल ५४ हैली- टाइप धूमकेतु ही अवलोकित किये जा सके है |
 
हैली -प्रकार धूमकेतुओं की कक्षाओं को देखकर लगता है कि वें मूलतः दीर्ध -अवधि धूमकेतु थे जिनकी कक्षाओं को विशाल ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के द्वारा प्रभावित किया गया और साथ ही आतंरिक सौर मंडल में उन्हें निर्देशित किया गया | यदि हैली कभी दीर्ध-अवधि धूमकेतु था तो संभावना है कि इसकी उत्पत्ति ऊर्ट बादल में हुई है जो कि धूमकेतु निकायों का एक विशाल गोलाकार क्षेत्र है जिसका आंतरिक किनारा सूर्य से २०,००० -५०,००० खगोलीय एकक दूरी पर है | इसके विपरीत बृहस्पति परिवार धूमकेतुओं की उत्पत्ति कुइपर बेल्ट में मानी जाती है जो बर्फीले मलबे की एक सपाट चकती है जो सूर्य से ३० खगोलीय एकक (नेप्च्यून की कक्षा) और ५० खगोलीय एकक के बीच स्थित है | सन् २००८ में हैली-प्रकार धूमकेतुओं की उत्पत्ति के लिए एक अन्य नए बिंदु ट्रांस-नेप्चुनियन वस्तु का प्रस्ताव किया गया |