"पद्यानुवाद": अवतरणों में अंतर
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[[पद्य]] रूप में [[छन्द]] में [[अनुवाद]] पद्यानुवाद कहलाता है । यह [[गद्य]] से हो सकता है अथवा अन्य भाषाओं के [[पद्य]] से हो सकता है जैसे कि श्रीमद्[[भगवद्गीता]] के श्लोकों का [[हिन्दी]] में [[श्रीहरिगीता]] में
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