"छोटा नागपुर पठार": अवतरणों में अंतर

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[[Image:Hundru.jpg|thumb|300px|राँची स्थित हुँडरु जलप्रपात]]
'''छोटानागपुर का पठार''' ('''छोटानागपुर''') पूर्वी [[भारत]] में स्थित एक [[पठार]] है जिसका ज्यादातर हिस्सा [[झारखंड]] और कुछ हिस्से [[उड़ीसाउड़ीसा]], [[बिहार]] और [[छत्तिसगढ]] में फैले हुये हैं। इसके उत्तर और उत्तरपूर्व में [[गंगा]] का [[उपजाऊ]] [[मैदान]] है और पूर्व में [[महानदी]] के मुहाने का इलाका है। यह पठार प्राचीन "Precambrian" चट्टानों का बना है। इस पठारी छेत्र में [[कोयला]] का अकूत भंडार है जिससे [[दामोदर]][[ घाटी]] में बसे उद्योगों के [[उर्जा]] संबंधी आवश्यकतायें पूरी होती हैं। छोटानागपुर का पठार तीन छोटे छोटे पठारों से मिलकर बना है जिनमे [[राँची]] का [[पठार]], [[हजारीबाग]] का [[पठार]] और [[कोडरमा]] का पठार शामिल है। [[राँची पठार]] सबसे बड़ाबड़ा पठार है जिसकी औसत ऊँचाई 700 मीटर है। पूरे छोटानागपुर पठार का क्षेत्रफल लगभग 65,000 वर्ग किलो मीटर है।
 
पठार का ज्यादातर हिस्सा घने जंगलों से आच्छादित है जिनमे [[साल]] के वृक्षों की प्रमुखता है और इस क्षेत्र में [[वन]] कषेत्र का प्रतिशत देश के अन्य हिस्सों की तुलना में ज्यादा है। इस पठार पर [[हाथी]] और [[बाघ]] के संरक्षण के लिये बनाये गये कई प्रमुख [[अभ्यारण्य]] स्थित हैं।