"अंगुत्तरनिकाय": अवतरणों में अंतर

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'''अंगुत्तर निकाय''' एक महत्वपूर्ण [[बौद्ध]] ग्रंथ है। इसके लेखक मदंत आनंद कौसलायन हैं। इसको वर्तमान समय में महाबोधि सभा, कलकत्ता द्वारा प्रकाशित किया गया है।<ref>{{cite web |url= http://www.nnl.gov.np/bookdetail.php?id=20117|title= नेपाल नेशनल लाइब्रेरी| accessmonthday=[[१६ दिसंबर]]|accessyear=[[2007]]|format= पीएचपी|publisher=नेपाल सरकार|language=अंग्रेज़ी}}</ref>
बौद्ध ग्रन्थ-बौद्धमतावल्बियों ने जिस साहित्य का सृजन किया, उसमें [[भारतीय इतिहास]] की जानकारी के लिए प्रचुर सामग्रियाँ निहित हैं। ‘[[त्रिपिटक]]’ इनका महान ग्रन्थ है। सुत, विनय तथा अमिधम्म मिलाकर ‘त्रिपिटक’ कहलाते हैं। बौद्ध संघ, मिक्षुओं तथा भिक्षुणियों के लिये आचरणीय नियम विधान [[विनय पिटक]] में प्राप्त होते हैं। सुत्त पिटक में [[गौतम बुद्ध|बुद्धदेव]] के धर्मोपदेश हैं।
 
गौतम निकायों में विभक्त हैं- इसमें से