"लाल दानव तारा": अवतरणों में अंतर

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दो मुख्य प्रकार के लाल दानव तारे देखें जाते हैं:
*'''आर॰जी॰बी॰''' - वहवे लाल दानव जिनमें केंद्र का सारा हाइड्रोजन संलयन के बाद [[हीलियम]] बन चुका है और उस केंद्र में अब संलयन नहीं हो रहा। केंद्र के बाहर की एक परत में हाइड्रोजन से हीलियम का संलयन जारी है। ऐसे लाल दानव तारों को "लाल दानव शाखा तारे" (red giant branch stars, RGB, आर॰जी॰बी॰) बुलाया जाता है। अधिकतर लाल दानव तारे इसी प्रकार के होते हैं।
*'''ए॰जी॰बी॰''' - वहवे लाल दानव तारे जिनमें हीलियम का ही नाभिकीय संलयन शुरू हो चुका है और उसे कुचलकर [[कार्बन]] बनाया जा रहा है। ऐसे लाल दानव तारों को "अनन्तस्पर्शी दानव शाखा तारे" (asymptotic giant branch stars, AGB, ए॰जी॰बी॰) बुलाया जाता है। "कार्बन तारे" इसी श्रेणी के तारे होते हैं।
 
लाल दानवों में जब संलयन ख़त्म हो जाता है तो वह ठंडे पड़कर सिकुड़ने लगते हैं और [[सफ़ेद बौने]] तारे बनकर अपना जीवन अंत करते हैं।