"त्रिलोचन शास्त्री": अवतरणों में अंतर
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|accessmonthday=[[10 दिसंबर]]|accessyear=[[2007]]|format= एसएचटीएमएल|publisher= बीबीसी}}</ref> इसके अतिरिक्त कहानी, गीत, ग़ज़ल और आलोचना से भी उन्होंने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उनका पहला कविता संग्रह धरती 1945 में प्रकाशित हुआ था। गुलाब और बुलबुल, उस जनपथ का कवि हूं और तपे हुए दिन उनके चर्चित कविता संग्रह थे। दिगंत और धरती जैसी रचनाओं को कलमबद्ध करने वाले त्रिलोचन शास्त्री के 17 कविता संग्रह प्रकाशित हुए।
==समालोचना==
त्रिलोचन ने भाषा शैली और विषयवस्तु सभी में अपनी अलग छाप छोड़ी। त्रिलोचन ने वही लिखा जो कमज़ोर के पक्ष में था। वो मेहनतकश और दबे कुचले समाज की एक दूर से आती आवाज़ थे। उनकी कविता भारत के ग्राम और देहात समाज के उस निम्न वर्ग को संबोधित थी जो कहीं दबा था कही जग रहा था कहीं संकोच में पड़ा था।
उस जनपद का कवि हूं
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