"नेतृत्व": अवतरणों में अंतर

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'''नेतृत्व''' (leadership) की व्याख्या इस प्रकार दी गयी है "एक प्रक्रिया जिसमें एक व्यक्ति [[सामाजिक प्रभाव]] से अन्य लोगों की सहायता से एक आम कार्य सिद्ध करता है.<ref>[1] ^ चेमेर्स, एम एम 2002संज्ञानात्मक, सामाजिक, और ट्रांस्फोर्मशनल नेतृत्व के [[भावुक आसूचना|भावनात्मक खुफिया]]: प्रभावकारिता और प्रभावशीलता. आर.ई.रिग्गिओव, एसई मरफी, फ.जे. पिरोज्जोलो (एड्स.), एकाधिक इंटेलीजेंस और नेतृत्व.)</ref> एक और परिभाषा एलन कीथ गेनेंटेक ने दी जिसके अधिक अनुयायी थे "नेतृत्व वह है जो अंततः लोगों के लिए एक ऐसा मार्ग बनाना जिसमें लोग अपना योगदान दे कर कुछ असाधारण कर सकें.<ref>[2] ^ कौजेस, जे, और पोस्नेर, बी. (2007).नेतृत्व चैलेंज. सीए: जोस्सेय बास.</ref>
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अमेरिकी [[मनोविश्लेषक]] और [[पश्चिमोत्तर विश्वविद्यालय]]के मेडिकल स्कूल के संकाय के पूर्व सदस्य स्वर्गीय जूल्स मासेर्मन के अनुसार, नेताओं को तीन प्रमुख कार्य करने चाहिए : नेता को सही अर्थों में नेतृत्व करना चाहिए, एक [[सामाजिक संगठन]] प्रदान करना चाहिए जिसमें लोग अपने आप को सुरक्षित समझें, लोगों को उनमें विश्वास पैदा हो सके.
'''नेतृत्व''' की व्याख्या इस प्रकार दी गयी है "एक प्रक्रिया जिसमें एक व्यक्ति [[सामाजिक प्रभाव]] से अन्य लोगों की सहायता से एक आम कार्य सिद्ध करता है.<ref>[1] ^ चेमेर्स, एम एम 2002संज्ञानात्मक, सामाजिक, और ट्रांस्फोर्मशनल नेतृत्व के [[भावुक आसूचना|भावनात्मक खुफिया]]: प्रभावकारिता और प्रभावशीलता. आर.ई.रिग्गिओव, एसई मरफी, फ.जे. पिरोज्जोलो (एड्स.), एकाधिक इंटेलीजेंस और नेतृत्व.)</ref> एक और परिभाषा एलन कीथ गेनेंटेक ने दी जिसके अधिक अनुयायी थे "नेतृत्व वह है जो अंततः लोगों के लिए एक ऐसा मार्ग बनाना जिसमें लोग अपना योगदान दे कर कुछ असाधारण कर सकें.<ref>[2] ^ कौजेस, जे, और पोस्नेर, बी. (2007).नेतृत्व चैलेंज. सीए: जोस्सेय बास.</ref>
 
अमेरिकी [[मनोविश्लेषक]] और [[पश्चिमोत्तर विश्वविद्यालय]]के मेडिकल स्कूल के संकाय के पूर्व सदस्य स्वर्गीय जूल्स मासेर्मन के अनुसार, नेताओं को तीन प्रमुख कार्य करने चाहिए : नेता को सही अर्थों में नेतृत्व करना चाहिए, एक [[सामाजिक संगठन]] प्रदान करना चाहिए जिसमें लोग अपने आप को सुरक्षित समझें, लोगों को उनमें विश्वास पैदा हो सके.
 
नेतृत्व संगठनात्मक संदर्भों के सबसे प्रमुख पहलुओं में से एक है. हालांकि, नेतृत्व को परिभाषित करना चुनौती से पूर्ण रहा है.निम्नलिखित वर्गों में नेतृत्व के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गयी है. इसके साथ-साथ नेतृत्व क्या है, कई लोकप्रिय सिद्धांतों और नेतृत्व की शैलियों का वर्णन भी किया गया है.इसके साथ-साथ इस पृष्ठ में भावनाओं और दूरदृष्टि की भूमिका, नेतृत्व की प्रभावशीलता और प्रदर्शन पर भी विचार किया गया है.अंत में, इस पृष्ठ में विभिन्न सन्दर्भों में नेतृत्व, यह अन्य सम्बंधित अवधारणाओं [[प्रबंधन|(प्रबंधन)]] से कैसे अलग है, सम्बंदिथ हे, नेतृत्व के बारे में उठाई गयी कुछ आलोचनाओं पर भी चर्चा की गयी है.
 
== नेतृत्व के सिद्धांत ==
 
नेतृत्व में सक्षम छात्रों ने, विशेष सिद्धांतों,<ref name="refLocke1991">[3] ^[[# रेफ्लोक्के 1991|लोके एट अल]].[[# रेफ्लोक्के 1991|1991]]</ref> स्थितिजन्य संपर्क, कार्य, व्यवहार, अधिकार, दर्शन और मूल्यों <ref>[4] ^ (रिचर्ड्स और इंगले, 1986, प.206)</ref> करिश्मा और दूसरों के बीच बुद्धिमत्ता को उजागर किया है.
 
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=== व्यवहार और शैली सिद्धांत ===
विशेषता दृष्टिकोण की आलोचना के जवाब में, सिद्धांतकारों ने नेतृत्व को व्यवहारों का एक समूह कहा है, 'सफल नेताओं' के व्यवहार का अनुसंधान करते हुए, उनकी व्यवहार कुशलता और उनके नेतृत्व की व्यापक शैली को पहचानना हैं.<ref>[10] ^ [[# रेफ्स्पिल्लाने 2004|स्पिल्लाने (2004)]]</ref>[[दाऊद म्च्क्लेल्लंद|डेविड मंक्लील्लैंड]] ने नेतृत्व प्रतिभा को सिद्धांतों के एक समूह के रूप में देखा है न कि एक प्रेरक रूप में. उन्होंने कहा कि सफल नेताओं को अधिकार की आवश्यकता हो सकती है, संबद्धता कम मात्रा में और उच्च मात्रा में ''गतिविधि निषेध'' (कुछ इसे [[आत्म नियंत्रण]] भी कहते हैं) की आवश्यकता हो सकती हैं. {{Fact|date=January 2009}}[11]
{{Main|Managerial grid model}}
 
विशेषता दृष्टिकोण की आलोचना के जवाब में, सिद्धांतकारों ने नेतृत्व को व्यवहारों का एक समूह कहा है, 'सफल नेताओं' के व्यवहार का अनुसंधान करते हुए, उनकी व्यवहार कुशलता और उनके नेतृत्व की व्यापक शैली को पहचानना हैं.<ref>[10] ^ [[# रेफ्स्पिल्लाने 2004|स्पिल्लाने (2004)]]</ref>[[दाऊद म्च्क्लेल्लंद|डेविड मंक्लील्लैंड]] ने नेतृत्व प्रतिभा को सिद्धांतों के एक समूह के रूप में देखा है न कि एक प्रेरक रूप में. उन्होंने कहा कि सफल नेताओं को अधिकार की आवश्यकता हो सकती है, संबद्धता कम मात्रा में और उच्च मात्रा में ''गतिविधि निषेध'' (कुछ इसे [[आत्म नियंत्रण]] भी कहते हैं) की आवश्यकता हो सकती हैं. {{Fact|date=January 2009}}[11]
 
[[File:Management Grid.PNG|right|thumb|200px|प्रबंधन ग्रिड मॉडल का एक ग्राफिकल प्रतिनिधित्व]]
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[[कर्ट लेविन]], रोनाल्ड लिपित्त और राल्फ व्हाइट ने 1939 में नेतृत्व शैली और नेतृत्व प्रदर्शन के प्रभाव पर थोडा बहुत काम किया था. शोधकर्ताओं ने ग्यारह वर्षीय लड़कों के समूह पर विभिन्न प्रकार के कार्य क्षेत्रों में उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया. प्रत्येक समूह में, नेता का प्रभाव, उनके निर्णय, उनकी प्रशंसा और आलोचना, [[समूह फैसला कर|समूह कार्यों के प्रबंधन]] ([[परियोजना प्रबंधन|प्रबंधन परियोजना]]) में तीन शैलियों को देखा गया है :(1) सत्तावादी (2) लोकतांत्रिक (3)अहस्तक्षेप.<ref name="lewin1939">[12] ^ [[# रेफ्लेविन 1939|लेविन एट अल]].[[# रेफ्लेविन 1939|(1939)]]</ref>''सत्तावादिता '' में नेता हमेशा निर्णय अकेले लेते हैं, उसके आदेशों का सख्त अनुपालन करने की मांग करते हैं और उठाये गए प्रत्येक कदम के लिए आदेश देते हैं ; भविष्य के कदम एक बड़े पैमाने पर अनिश्चित थे. जरूरी नहीं है नेता हर काम में [[भागीदारी|भागीदार]] बने, पर वे प्रायः काम करने में अलग होते है और सामान्यतः व्यक्तिगत प्रशंसा और काम के लिए आलोचना भी प्रदान करते हैं. ''लोकतांत्रिक कार्य'' को सामूहिक निर्णय प्रक्रिया कह कर नेताओं द्वारा सहायता प्रदान की गयी विशेषता कहा गया है. काम ख़तम करने से पहले, नेता से, सामूहिक चर्चाओं से, तकनीकी सलाह के परिप्रेक्ष्य से लाभ प्राप्त कर सकते हैं. सदस्य अपनी [[पसंद]] के अनुसार [[सामूहिक]] रूप से परिश्रम-विभाजन का फैसला ले सकते थे.इस स्थिति में [[स्तुति|प्रशंसा]] और [[आलोचना]][[निष्पक्षतावाद (विज्ञान)|वस्तुनिष्ठ]] हैं और वास्तविक रूप से काम किये बिना, उद्देश्य की पूर्ति किसी भी सदस्य द्बारा होती हैं. ''अहस्ताक्षेपवादिता'' ने बिना नेता के भागीदारी के सदस्यों को सामूहिक नीति निर्धारण में आजादी दे दी है. नेता श्रम विभाजन में भाग नहीं लेते हैं, वे जब तक कहा नहीं जाता तब तक काम में भाग नहीं लेते और बहुत कम स्तुति करते हैं.<ref name="lewin1939" /> इसका परिणाम यह हुआ कि लोकतांत्रिक शैली को सबसे ज्यादा पसंद किया गया.<ref>[14] ^ [[# रेफ्मिनेर 2005|मैनर (2005)]] पीपी. 39-40</ref>
 
[[प्रबंधकीय ग्रिड मॉडल|प्रबंधकीय ग्रिड नमूना]] भी व्यवहार सिद्धांत पर आधारित है. इस नमूने को [[रॉबर्ट ब्लेक (प्रबंधन)|रॉबर्ट ब्लेक]] और [[जेन मौतों|जेन मौतोन]] ने 1964 में पांच अलग नेतृत्व शैलियों के सुझाव अनुसार बनाया है, यह लोगों के लिए नेताओं के प्रति जो व्याकुलता है और लक्ष्य प्राप्ति के लिए उनकी व्याकुलता है उस के आधार पर बनाई गयी थी.<ref>[15] ^[[# रेफ्ब्लाके 1964|ब्लेक एट अल]].[[# रेफ्ब्लाके 1964|(1964).]]</ref>
 
=== परिस्थितिवश और आकस्मिकता सिद्धांत ===
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[[विक्टर वरूम]], ने फिलिप येत्तोन (1973) <ref>[21] ^ [[# रेफ्व्रूम 1973|वरूम, येतटों (1973)]]</ref> और बाद में आर्थर जागो (1988),<ref name="vroom1988">[22] ^ [[# रेफ्व्रूम 1988|वरूम, जागो (1988)]]</ref> के सहयोग से नेतृत्व स्थितियों, का वर्णन करने के लिए एक वर्गीकरण किया. यह मानक [[वरूम -येतटों निर्णय मॉडल|निर्णय सिद्वांत]] में प्रयोग किया गया, जहाँ वह नेतृत्व शैली की स्थितियों के कारकों से जुडा और जो यह बताता था कि कौन सा प्रस्ताव किस स्थिति में उपयोगी होता है.<ref>[23] ^ [[# रेफ्स्तेर्न्बेर्ग 2002|स्तेर्न्बेर्ग, वरूम (2002)]]</ref> यह प्रस्ताव निराला था क्योंकि यह प्रबंधक के उन [[समूह फैसला कर|विचारों से सहमत]] था जो विभिन्न वर्गों, उनके विचारों और स्थितियों पर निर्भर था. बाद में यही सिद्धांत आपात स्थिति सिद्धांत कहा गया.<ref>[24] ^ [[# रेफ्लोर्स्च 1974|लोर्स्च (1974)]]</ref>
 
[[पथ-लक्ष्य सिद्धांत]]का नेतृत्व [[रॉबर्ट हाउस]] (1971) द्वारा विकसित किया गया. यह सिद्धांत [[विक्टर वरूम]] की[[संभाव्यता सिद्धांत|प्रत्याशा सिद्धांत]] पर आधारित था.<ref>[25] ^ [[# रेफहाउस 1971|हाउस (1971)]]</ref> और समर्थन ये सभी पर्यावरण के कारक और अनुयायी विशेषताओं के लिए प्रासंगिक हैं. इस[[फिएद्लेर आकस्मिकता मॉडल|फीड्लर आकस्मिकता सिद्धांत]] में, पथ-लक्ष्य सिद्धांत के विपरीत चार नेतृत्व व्यवहार तरल होते हैं, नेता स्थिति और आवश्यकतानुसार किसी भी सिद्धांत का पालन कर सकते हैं. पथ-लक्ष्य सिद्धांत को[[आकस्मिक नेतृत्व सिद्धांत|सापेक्ष सिद्धांत]] और [[ट्रांसक्शनल नेतृत्व|व्यावहारिक नेतृत्व सिद्धांत]] दोनों कहेंगे क्योंकि यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है और नेता और अनुयायियों के बीच परस्पर व्यवहार पर बल देता है.
 
हेर्सेय और बलानचार्ड द्वारा प्रस्तावित [[हेर्सेय-बलानचार्ड स्थितिजन्य सिद्धांत|परिस्थिति नेतृत्व नमूने]] ने चार नेतृत्व शैलियों और चार अनुयायी-विकास स्तरों को प्रस्तावित किया है.प्रभावशीलता के लिए, नमूने की निश्चितता, नेतृत्व शैली अनुयायीता-विकास को पूरी तरह मेल खाना चाहिए.इस नमूने में, नेतृत्व का व्यवहार केवल नेता के लक्षण ही नहीं लेकिन अनुयायियों की विशेषताएँ बन जाती हैं.<ref>[27] ^ [[# रेफ्हेर्सेय 2008|हेर्सेय एट अल]].[[# रेफहर्सी 2008|2008.]]</ref>
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एक संगठन जो [[कानूनी उपाय|साधन]] के रूप में स्थापित है या परिभाषित [[उद्देश्य (लक्ष्य)|उद्देश्यों]] को प्राप्त करने के लिए गठित है तो उसे '''औपचारिक संगठन''' कहा जा सकता है.इसका नमूना इस बात को निर्दिषित करता है कि किस तरह एक संगठन में लक्ष्यों को वर्गीकृत और निर्दिष्ट करते हैं जो संगठन के उपविभागों में परिलक्षित होता है. प्रभागों, विभागों, वर्गों, स्थिति, [[व्यवसाय (आर्थिक)|रोजगार]], और[[कार्य| कार्य,]] काम[[संरचना]] बनाते है. इस प्रकार, औपचारिक संगठन को ग्राहकों या अपने सदस्यों के साथ अव्यक्तिगत रूप से पेश आना चाहिए.वेबर की परिभाषा के अनुसार, प्रवेश और बाद की प्रगति योग्यता या वरिष्ठता के द्वारा होती है. प्रत्येक कर्मचारी एक वेतन प्राप्त करता है और कार्यकाल का एक डिग्री हासिल करता है जो वरिष्ठों या शक्तिशाली ग्राहकों का मनमाने प्रभाव से निगरानी करता है. पदानुक्रम में जैसे उसकी स्थिति होगी वैसी ही संगठन के निम्न स्तर के कार्य को सम्पन्न करने में उसकी अनुमानित विशेषज्ञता समस्याओं को सुलझाते समय उत्पन्न हो सकती है. यह एक नौकरशाही संरचना है जो संगठन में प्रशासनिक प्रभागों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए आधार होता है और अपने प्राधिकारों से जुडा रहता है.<ref name="Cecil">{{cite book |author= Cecil A Gibb|title= Leadership (Handbook of Social Psychology)|publisher=Addison-Wesley|location=Reading, Mass.|year=1970|pages=884–89|isbn=0140805176 9780140805178|oclc=174777513|doi=}}</ref>
 
एक इकाई के नियत प्रशासनिक अध्यक्ष या प्रमुख के विपरीत एक नेता औपचारिक संगठन के अधीन स्थित '''अनौपचारिक संगठन''' से उभर कर आता हैं. अनौपचारिक संगठन व्यक्तिगत [[:विक्शनरी: सदस्यता|सदस्यता]] के निजी [[उद्देश्य (लक्ष्य)|उद्देश्य]] और[[लक्ष्य]] को व्यक्त करता है. उनके उद्देश्य और लक्ष्य औपचारिक संगठन के साथ मेल खा भी सकते हैं या नहीं भी खा सकते हैं.अनौपचारिक संगठन एक विकसित सामाजिक ढांचों का प्रतिनिधित्व करता है जो प्रायः मानव जीवन में अचानक उद्भूत होने वाले समूहों और संगठनों के समान उद्भव होते हैं और अपने आप में ही समाप्त हो जाते हैं.
 
प्रागैतिहासिक काल में, आदमी अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा, रखरखाव, सुरक्षा और जीवन निर्वाह करने में व्यस्त था. अब आदमी अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा संगठनों के लिए काम करने में बिताता है. उसको सुरक्षा, संरक्षण, अनुरक्षण प्रदान करने वाले एक समुदाय को पहचानने की उसकी चाह और अपनेपन की भावना प्रागैतिहासिक काल से अपरिवर्तित ही बनी हुई है. यह जरूरत अनौपचारिक संगठन और इसकी, आकस्मिक या अनधिकृत, नेताओं के द्वारा पूरी होती है.<ref name="Henry">{{cite book |author=Henry P. Knowles; Borje O. Saxberg|title=Personality and Leadership Behavior|publisher=Addison-Wesley|location=Reading, Mass.|year=1971|pages=884–89|isbn=0140805176 9780140805178|oclc= 118832|doi=}}</ref>
 
अनौपचारिक संगठन के ढांचे के भीतर से ही नेता उभरते हैं.उनके व्यक्तिगत गुण, स्थिति की मांग, या इन दोनों का संयोजन और अन्य [[पहलू]] अनुयायियों को आकर्षित करते हैं जो एक या कई उपरिशायी संरचनाओं में उनके नेतृत्व को स्वीकार करते हैं.एक प्रधान या अध्यक्ष द्वारा नियुक्त होकर एक आकस्मिक नेता अपने अधिकारों के बजाय, प्रभाव और शक्ति को संभालता है.प्रभाव एक व्यक्ति की क्षमता है जो दूसरों के सहयोग, अनुनय और पुरस्कार पर नियंत्रण के माध्यम से हासिल किया जाता है.अधिकार प्रभाव का एक मजबूत विधान है क्योंकि यह एक व्यक्ति की क्षमता, उसके कार्यों से सज़ा को नियंत्रण करता है.<ref name="Henry" />
 
नेता एक ऐसा आदमी है जो एक विशिष्ट परिणाम के प्रति लोगों के एक समूह को प्रभावित करता है.यह अधिकार या औपचारिक अधिकार पर निर्भर नहीं है. (एलिवोस, नेताओं के रूपांतरण, बेन्निस, और नेतृत्व की उपस्थिति, हल्पेर्ण और लुबर). नेताओं की पहचान, अन्य लोगों की देखभाल के लिए उनकी क्षमता, स्पष्ट संचार, और एक प्रतिबद्धता से होती है.<ref>[48] ^ होय्ले, जॉन आर लीडरशिप एंड फुतुरिंग: मकिंग विसिओंस हप्पेन. थौसंड्स ओअक्स, का: कारविन प्रेस, इंक, 1995.</ref> एक व्यक्ति जो एक प्रबंधकीय स्थिति के लिए नियुक्त किया जाता है उसके पास अधिकार होता है कि वह आज्ञा दे सकें और वह अपने अधिकार की स्थिति को लागू करता है. उसके अधिकारों से मेल खाती हुईं उसकी पर्याप्त व्यक्तिगत विशेषताएँ होनी चाहिए, क्योंकि अधिकार से ही उसमे सक्रियता होती है. पर्याप्त व्यक्तिगत योग्यता के अभाव में एक प्रबंधक जो एक आपात नेता द्वारा जिस भूमिका को चुनौती दे सकता है उस संगठन में उसकी भूमिका को उसके कल्पित सरदार से कम सामना किया होता है. बहरहाल, पद का अधिकार औपचारिक प्रतिबंधों का समर्थन करता है. ऐसा लगता है कि जो कोई भी व्यक्तिगत पद या अधिकार संभालता है, वह न्यायसंगत रूप से केवल पदानुक्रम में औपचारिक स्थिति, अनुरूप प्राधिकारी रूप से, प्राप्त करता है.<ref name="Henry" /> नेतृत्व की परिभाषा दूसरे लोगों की इच्छानुसार चलाने की क्षमता है. हर संगठन को हर स्तर पर नेताओं की जरूरत है.<ref name="The Top 10 Leadership Qualities">[50] ^ [http://www.hrworld.com/features/top-10-leadership-qualities-031908/. दी टाप 10 लीडरशिप कालितिएस- एचआर वर्ल्ड ]</ref>
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यह लाभप्रद होगा यदि हम पिछले कुछ सहस्राब्दियों से नेतृत्व के सभी खातों (ईसाई धर्म की रचना के बाद) की जांच करें जो एक पितृसत्तात्मक समाज के परिप्रेक्ष्य में क्रिश्चियन साहित्य की स्थापना के माध्यम से कर रहे हैं.अगर हम इससे पहले के समय को देखेगें तो यह पता चलता है कि बुतपरस्त और पृथ्वी-जनजातियों में महिला नेता ही होती थीं.एक बात यह भी महत्वपूर्ण है कि एक जनजाति की विशिष्टताएं दूसरों के लिए उल्लेखनीय नहीं है, जैसे हमारे आधुनिक समय के रीति-रिवाज भी बदलते हैं. वर्तमान समय के हमारे पितृवंशीय रिवाज हाल ही के आविष्कार हैं और पारिवारिक प्रथाओं के बारे में हमारी मूल विधि मातृविधि है जो अभी पितृविधि हैं.(डॉ. क्रिस्टोफर शेले और बिआनका रस, यूबीसी ). एक मौलिक धारणा यह है कि दुनिया के 90% देशों में प्राकृतिक जैविक समलिंगी पितृसत्ता से बनते हैं.दुर्भाग्य से, इस विश्वास ने महिलाओं को विभिन्न स्तरों में व्यापक उत्पीड़न का कारण बनाया.(होल अर्थ रिव्यू, विंटर 1995 थॉमस लेयर्ड, माइकल विक्टर द्वारा कृत). इस ईरोक़ुओइअन, पहले राष्ट्र के जनजाति मातृविधि जनजाति का उदाहरण है. इनके साथ-साथ मायन जनजाति को भी ले सकते हैं जो मेघालय, भारत का समाज है. (लेयर्ड और विक्टर, 1995).
[[बोनोबो|बोनोबो,]] देश की दूसरी प्रमुख पुरुष की करीबी जनजाति है जो कभी उनका काठ ''नहीं '' देती.यह बोनोबोस एक अल्फा या सर्वोच्च पद पर आसीन महिला है जो दूसरी महिलाओं के साथ मिलकर अपने आप को वैसे ही ताकतवर सिद्ध करती है जैसे एक पुरुष के प्रति श्रद्धा दिखाते हैं.इस प्रकार, यदि नेतृत्व सबसे ज्यादा मात्रा में अनुयायिओं को बनाना है तो बोनोबोस में, एक महिला हमेशा प्राभावी और मजबूत नेतृत्व बनाती है.लेकिन, सभी वैज्ञानिक इस बात से सहमत नहीं हैं कि बोनोबो की शांतिपूर्ण प्रकृति या उसकी प्रतिष्ठा एक "[[हिप्पी]] चिम्प के रूप में है.<sup>[http://www.newyorker.com/reporting/2007/07/30/070730fa_fact_parker Http://www.newyorker.com/reporting/2007/07/30/070730fa_fact_parker]</sup>
 
== नेतृत्व पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण ==
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{{Refend}}
 
==बाहरी संबंधकड़ियाँ==
*[http://www.achhikhabar.com/2011/06/30/best-leadership-quotes-in-hindi/ नेतृत्व पर महान लोगों के विचार]
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*[http://www.mediaclubofindia.com/profiles/blogs/4335940:BlogPost:126586 खुद में जगाइए नेतृत्व की क्षमता]
 
*{{dmoz|Business/Management/Leadership/}}
 
[[श्रेणी:आपातकालीन कानून]]
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[[zh:领袖]]
[[zh-yue:阿頭]]
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.achhikhabar.com/2011/06/30/best-leadership-quotes-in-hindi/ नेतृत्व पर महान लोगों के विचार]
*[http://www.mediaclubofindia.com/profiles/blogs/4335940:BlogPost:126586 खुद में जगाइए नेतृत्व की क्षमता]