"बबूल": अवतरणों में अंतर
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* ''Acacia arabica'' ([[Jean-Baptiste Lamarck|Lam.]]) Willd.
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उत्तरी [[भारत]] में बबूल की हरी पतली टहनियां दातुन के काम आती हैं। बबूल की दातुन दांतों को स्वच्छ और स्वस्थ रखती है. बबूल की लकड़ी का कोयला भी अच्छा होता है. हमारे यहां दो तरह के बबूल अधिकतर पाए और उगाये जाते हैं. एक देशी बबूल जो देर से होता है और दूसरा मासकीट नामक बबूल. बबूल लगा कर पानी के कटाव को रोका जा सकता है. जब रेगिस्तान अच्छी भूमि की ओर फैलने लगता है, तब बबूल के जगंल लगा कर रेगिस्तान के इस आक्रमण को रोका जा सकता है. इस प्रकार पर्यावरण को सुधारने में बबूल का अच्छा खासा उपयोग हो सकता है।<ref>[http://www.cfilt.iitb.ac.in/~corpus/hindi/findcontext.php?id=3756&word=%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%87 रिसोर्स सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेज सॉल्यूशंस] पर</ref> बबूल की लकड़ी बहुत मजबूत होती है. उसमें घुन नहीं लगता. वह खेती के औजार बनाने के काम आती है। <ref>[http://www.cfilt.iitb.ac.in/~corpus/hindi/find.php?word=%E0%A4%AC%E0%A4%AC%E0%A5%82%E0%A4%B2&submit=Search&limit=20&start=0 बबूल के प्रयोग]</ref>
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