"मुस्लिम जातियों के हिन्दू पूर्वज": अवतरणों में अंतर

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== कारन ==
इसकाइसके मुख्यप्रमुख कारनकारणों में से एक भारत वर्ष में फेली कुत्सित जाति व्यवस्था था | सुमति भार्गव नामक ब्रहमन (१७०-१५० इसवी ) द्वारा रचितऋषि भृगु के नाम पर लिखि गयि मनु स्मृति <ref>History of the Indigenous Indians By Ṭi. Ecc. Pi Centāraśśēri</ref> में वर्णित शुद्र लोगो के प्रति कुर आदेशो के कारन इस वर्ग पर घोर अत्याछार किये गए | इन्हें शस्त्र, शिक्षा से वंचित रखने का आदेश दिया गया | इस पुस्तक में शुद्र द्वारा छोटे छोटे अपराधो पर भी भयंकर प्रकार के शारीरिक दण्डो का प्रावधान किया | उन्हें सामाजिक और धार्मिक जीवन में निम्नता की और जाने पर विवश किया गया | इस प्रकार उन्हें मानसिक गुलामी के लिए विवश कर दिया गया |<br />
बोद्ध और जैन पहले धर्म मने जा सकते हे जिनमे जन्म आधारित जाति व्यवस्था पर प्रहार किया | इनमे बोद्ध ज्यादा मुखर और प्रभावी थे | उनकी सरल लाभ प्रद शिक्षाओ के कारन वैश्य और शुद्र समाज ने उसे तुरंत अंगीकार कर लिया |यह जाति व्यवस्था पर भयंकर हमला था | ब्रह्मण वर्गीय शासको के उत्थान पर शूद्रों को सदा के लिए अत्याच्चार किये गए |किन्तु धीरे धीरे इन लोगो को समज में आया और भारत में इस्लाम और इसाई धर्म के आने पर लाखो की संख्या में शुद्र लोग मुस्लिम और इसाई बन गए पेग ३२९ <ref>http://www.megaupload.com/?d=8GZWM9OQ</ref> | <br />
<ref>http://books.google.co.in/books?id=Z3kcj0xW9ewC&pg=PA17&dq=%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE&hl=en&ei=guCTTu7tOonirAeb3JzKBg&sa=X&oi=book_result&ct=result&resnum=1&ved=0CC0Q6AEwAA#v=onepage&q=%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE&f=false</ref>| <br />