"अतिसूक्ष्म तरंग": अवतरणों में अंतर
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17:55, 22 जनवरी 2008 का अवतरण
विद्युत चुम्बकीय तरंगें जिनकी तरंग दैर्घ्य एक मीटर से छोट्ट तथा एक मिलिमीटर से बङी होती है, या आवृत्ति 300 मैगा हर्ट्ज़ से 300 गीगा हर्ट्ज़ के बीच होती है, उन्हें अतिसूक्ष्म तरंग कहते हैं ।
प्रकीर्णन, ध्रुवीकरण, विवर्तन, अपवर्तन, विलयन, समावेशन आदि, जो कि प्यायः प्रत्यक्ष प्रकाश के गुण होते हैं, इनमें भी मिलते हैं ।
फैलाव (रेंज)
अतिसूक्ष्म तरंग में निम्न आती हैं :-
- ultra-high frequency (UHF) (0.3–3 GHz),
- super high frequency (SHF) (3–30 GHz), and
- extremely high frequency (EHF) (30–300 GHz) signals.
300 GHz, के ऊपर विद्युत चुम्बकीय विकिरण का विलयन, पृथ्वी के वातावरण द्वारा इतना अधिक होता है कि, यह प्रभावी रूप से एकदम ठोस जैसा हो जाता है, व उन्हें निकलने नहीं देता , जब तक कि वापस पारदर्शी नहीं हो जाता, अधोरक्त या प्रत्यक्ष वर्णक्रम के लिए ।
Designation | Frequency range |
---|---|
L band | 1 to 2 GHz |
S band | 2 to 4 GHz |
C band | 4 to 8 GHz |
X band | 8 to 12 GHz |
Ku band | 12 to 18 GHz |
K band | 18 to 26.5 GHz |
Ka band | 26.5 to 40 GHz |
Q band | 30 to 50 GHz |
U band | 40 to 60 GHz |
V band | 50 to 75 GHz |
E band | 60 to 90 GHz |
W band | 75 to 110 GHz |
F band | 90 to 140 GHz |
D band | 110 to 170 GHz |