"दोहा": अवतरणों में अंतर

अर्द्धसम मात्रिक छंद
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14:26, 23 जनवरी 2008 का अवतरण

दोहा मात्रिक छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) चरण में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं। सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है।

उदाहरण -

मुरली वाले मोहना, मुरली नेक बजाय। तेरो मुरली मन हरो, घर अँगना न सुहाय॥