"गढ़वाल": अवतरणों में अंतर

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गढ़वाल [[भारत]] के [[उत्तरांचल]] प्रान्त का एक प्रमुख क्षेत्र है। यहाँ की मुख्य भाषा [[गढ़वाली]] तथा [[हिन्दी]] है। गढ़वाल का साहित्य तथा संस्कृति बहुत समृद्ध हैं। लोक संस्कृत भी अत्यंत प्राचीन और विकसित है।
गढ़वाली लोकनृत्यों के २५ से अधिक प्रकार पाए जाते हैं इनमें प्रमुख हैं- १. मांगल या मांगलिक गीत, २. जागर गीत, ३. पंवाडा, ४. तंत्र-मंत्रात्मक गीत, ५. थड्या गीत, ६. चौंफुला गीत, ७. झुमैलौ, ८. खुदैड़, ९. वासंती गीत, १०. होरी गीत, ११. कुलाचार, १२. बाजूबंद गीत, १३. लामण, १४. छोपती, १५. लौरी, १६. पटखाई में छूड़ा, १७. न्यौनाली, १८. दूड़ा, १९. चैती पसारा गीत, २०. बारहमासा गीत, २१. चौमासा गीत, २२. फौफती, २३. चांचरी, २४. झौड़ा, २५. केदरा नृत्य-गीत, २६. सामयिक गीत, २७. अन्य नृत्य-गीतों में - हंसौड़ा, हंसौडणा, जात्रा, बनजारा, बौछड़ों, बौंसरेला, सिपैया, इत्यादि। इन अनेक प्रकार के नृत्य-गीतों में गढ़वाल की लोक-विश्रुत संस्कृति की झलक स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है।<ref>{{cite book |last=बलौदी |first= मंजु|title= कादंबिनी|year= फरवरी 1995 |publisher= हिंदुस्तान टाइम्स लिमिटेड, 18-20 कस्तूरबा गांधी मार्ग|location= दिल्ली, भारत|id= |page= 62|editor: राजेंद्र अवस्थी|accessday= 7|accessmonth=फरवरी|accessyear=2008}}</ref>
 
==संदर्भ==
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