24,306
सम्पादन
छो (HotCat द्वारा श्रेणी:जयपुर के दर्शनीय स्थल जोड़ी, minor edits) |
|||
जयपुर में पुराने राजमहल 'चन्द्रमहल' से जुडी एक आश्चर्यजनक मध्यकालीन उपलब्धि है-जंतर मंतर! पौने तीन सौ साल से भी अधिक समय से प्राचीन खगोलीय यंत्रों और जटिल गणितीय संरचनाओं के माध्यम से ज्योतिषीय और खगोलीय घटनाओं का विश्लेषण और सटीक भविष्यवाणी करने के लिए दुनिया भर में मशहूर इस अप्रतिम वेधशाला का निर्माण जयपुर नगर के संस्थापक आमेर के
यूनेस्को ने १ अगस्त २०१० को जंतर-मंतर समेत दुनिया भर के सात स्मारकों को " विश्व धरोहर सूची " में शामिल करने की जो घोषणा की थी, उनमें जयपुर का जंतर मंतर भी एक है. ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी के ३४ वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में इस वेधशाला को विश्व-विरासत स्मारक श्रेणी में शामिल किया जा चुका है! इस सम्मान की पीछे जो मुख्य कारण गिनाए गए थे, उनमें सबसे बड़ा कारण यह था कि इतने वर्ष गुजर जाने के बावजूद इस वेधशाला के सभी प्राचीन यन्त्र आज भी ठीक अवस्था में हैं; जिनके माध्यम से मौसम, स्थानीय समय, ग्रह नक्षत्रों, और ग्रहण अदि खगोलीय परिघटनाओं की एकदम सटीक गणना आज भी की जा सकती है.
विश्व धरोहर सूची में शामिल जंतर-मंतर राजस्थान प्रदेश का पहला और देश का २८ वां स्मारक हो गया है. भरतपुर का घना पक्षी अभयारण्य यूनेस्को की सांस्कृतिक श्रेणी की विश्व धरोहर सूची में पहले से शामिल है. इससे इस नायब वेधशाला को नई अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी ही, स्मारक के रखरखाव के लिए ४० हज़ार डॉलर का अलग फंड भी मिलेगा.
[[श्रेणी:जयपुर के दर्शनीय स्थल]]
|
सम्पादन