"कुमाऊँ": अवतरणों में अंतर

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[[उत्तराखंड]] के दो प्रमुख भाग हैं- [[गढ़वाल]] और कुमाऊँ- में सेकुमाऊँ। कुमाऊँ काया अस्तित्वकूर्माचल भीमुख्यत: [[वैदिकतीन काल]] से है। [[स्कंदपुराण]] के मानस खंड व अन्य पौराणिक साहित्यजिलों में [[मानस]] खंड के नाम से वर्णित क्षेत्र वर्तमान कुमाऊँ मंडल हीविभाजित है। इस क्षेत्र में भी अनेक प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल हैं।
* १. अल्मोड़ा
* २. नैनीताल
* ३. पिथौरागढ़
 
 
भारतवर्ष के धुर उत्तर में स्थित हिमाच्छादित पर्वतमालाओं, सघन वनों और दक्षिण में तराई-भावर से आवेष्टित २८०४'३ से ३००.४९' उत्तरी अक्षांस और ७८०.४४ से ८१०.४ पूर्वी देशान्तर के बीच अवस्थित भू-भाग 'कुमाऊँ' कहलाता है। सांस्कृतिक वैभव, प्राकृतिक सौंदर्य और सम्पदा से श्री सम्पन्न कुमाऊँ अंचल की एक विशिष्ट क्षेत्रीय पहचान है। यहाँ के आचार-विचार, रहन-सहन, खान-पान, वेशभूषा, प्रथा-परम्परा, रीति-रिवाज, धर्म-विश्वास, गीत-नृत्य, भाषा बोली सबका एक विशिष्ट स्थानीय रंग है। औद्योगिक वैज्ञानिकता के जड़-विकास से कई अर्थों में यह भू-भाग अछूता है। अपनी विशिष्ट सामाजिक संरचना में बद्ध यहाँ की लोक परम्परा मैदानी क्षेत्रों से पर्याप्त भिन्न है। लोक साहित्य की यहाँ समृद्ध वाचिक परम्परा विद्यमान है, जो पीढी-दर-पीढ़ी आज भी जीवन्त है। कुमाऊँ का अस्तित्व भी [[वैदिक काल]] से है। [[स्कंदपुराण]] के मानस खंड व अन्य पौराणिक साहित्य में [[मानस]] खंड के नाम से वर्णित क्षेत्र वर्तमान कुमाऊँ मंडल ही है। इस क्षेत्र में भी अनेक प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल हैं।
 
==कुमाऊँ शब्द की व्युत्पति==