"हरिवंश महाप्रभु": अवतरणों में अंतर
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राधा वल्लभीयसम्प्रदायाचार्य '''गोस्वामी श्री हित हरिवंश चन्द्र महाप्रभु''' सोलहवीं शताब्दी में आविर्भूत विभूतियों में से एक अनन्यतम विभूति थे। उन्होंने अपने अद्भुत चरित और आचरणों के द्वारा उपासना, भक्ति, [[काव्य]] और [[संगीत]] आदि के क्षेत्र में क्रान्तिकारी मोड दिए। वह तत्कालीन रसिक समाज एवं संत समाज में श्रीजू, श्रीजी, हित जू एवं हिताचार्यआदि नामों से प्रख्यात थे। उनका जन्म बैसाख शुक्ल एकादशी, विक्रम संवत्
==जीवन==
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