"हीरा": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Koh-i-Noor new version copy.jpg|thumb|right|कोहिनूर की एक और प्रति]]
[[चित्र:Diamanter, Några stora och ryktbara diamanter, Nordisk familjebok.png|right|thumb|हीरों की आकृतियां]]
'''हीरा''' एक पारदर्शी रत्न है। यह रासायनिक रूप से [[कार्बन]] का शुद्धतम रूप है। हीरा में प्रत्येक कार्बन [[परमाणु]] चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़ा रहता है। कार्बन परमाणुओं के बाहरी कक्ष में उपस्थित सभी चारों [[इलेक्ट्रान]] सह-संयोजी बन्ध में भाग ले लेते हैं तथा एक भी इलेक्ट्रान संवतंत्र नहीं होता है। इसलिए हीरा [[ऊष्मा]] तथा [[विद्युत]] का कुचालन होता है। हीरा में सभी कार्बन परमाणु बहुत ही शक्तिशाली सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़े होते हैं, इसलिए यह बहुत कठोर होता है। हीरा प्राक्रतिक पदार्थो में सबसे कठोर पदार्थ है इसकी कठोरता के कारण इसका प्रयोग कई उद्योगो तथा
|accessmonthday=[[१४ मई]]|accessyear=[[२००९]]|format=एएसपीएक्स|publisher=प्रभात खबर|language=}}</ref> इससे यह प्रमाणित होता है कि हीरा कार्बन का शुद्ध रूप है। हीरा रासायनिक तौर पर बहुत निष्क्रिय होता है एव सभी घोलकों में अघुलनशील होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व ३.५१ होता है। बहुत अधिक चमक होने के कारण हीरा को जवाहरात के रूप में उपयोग किया जाता है। हीरा उष्मीय किरणों के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होता है, इसलिए अतिशुद्ध [[थर्मामीटर]] बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। काले हीरे का उपयोग काँच काटने, दूसरे हीरे के काटने, हीरे पर पालिश करने तथा चट्टानों में छेद करने के लिए किया जाता है।
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