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'''मोटूरि सत्‍यनारायण''' (2 फरवरी, 1902 - 6 मार्च, 1995) दक्षिण भारत में [[हिन्दी]] प्रचार आन्‍दोलन के संगठक, हिन्‍दी के प्रचार-प्रसार-विकास के युग-पुरुष, [[महात्मा गांधि|गाँधी जी]] से भावित एवं गाँधी-दर्शन एवं जीवन मूल्‍यों के प्रतीक, हिन्‍दी को [[राजभाषा]] घोषित कराने तथा हिन्‍दी के राजभाषा के स्‍वरूप का निर्धारण कराने वाले सदस्‍यों में दक्षिण भारत के सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण व्‍यक्‍तियों में से एक थे। वे [[दक्षिण भारत हिन्‍दी प्रचार सभा]], [[राष्‍ट्रभाषा प्रचार समिति]] तथा [[केन्‍द्रीय हिन्‍दी संस्‍थान]] के निर्माता भी हैं।
 
==जीवनवृत्‍त==
श्री मोटूरि सत्‍यनारायण का जन्म [[आन्‍ध्र प्रदेश]] के कृष्‍णा जिले का दोण्‍पाडु ग्राम में हुआ था।
 
==पद एवं कार्य==
दक्षिण भारत हिन्‍दी प्रचार सभा के प्रचार संगठक, आन्‍ध्र-प्रान्‍तीय शाखा के प्रभारी, मद्रास ([[चेन्‍नई]]) की केन्‍द्र सभा के परीक्षा मंत्री, प्रचारमंत्री, प्रधानमंत्री (प्रधान सचिव), [[राष्‍ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा]] के प्रथम मंत्री, [[भारतीय संविधान सभा]] के सदस्‍य, राज्‍यसभा के मनोनीत सदस्‍य (प्रथम बार-1954 में), केन्‍द्रीय हिन्‍दी संस्‍थान के संचालन के लिए सन्‌ 1961 में भारत सरकार के शिक्षा एवं समाज कल्‍याण मंत्रालय द्वारा स्‍थापित ‘केन्‍द्रीय हिन्‍दी शिक्षण मण्‍डल' के प्रथम अध्‍यक्ष (चेयरमेन), राज्‍य सभा के दूसरी बार मनोनीत सदस्‍य, केन्‍द्रीय हिन्‍दी शिक्षण मण्‍डल के दूसरी बार अध्‍यक्ष (1975 से 1979) । उन्होने '''विज्ञानसंहिता''' नामक एक ग्रन्थ की रचना भी की। वे प्रयोजनमूलक हिन्दी के विचार के जनक थे।
 
==उपाधियाँ एवं सम्‍मान==
भारत सरकार, अनेक विश्‍वविद्‌यालयों, दक्षिण भारत की हिन्‍दी प्रचार-प्रसार की संस्‍थाओं एवं केन्‍द्रीय हिन्‍दी संस्‍थान द्वारा सम्‍मानित।
 
विशेष उल्‍लेखनीय :-
 
1. [[पद्‌मभूषण]] [[१९६२]] में (भारत सरकार)
 
2. डी0 लिट्‌0 (मानद्‌) ([[आन्‍ध्र विश्‍विद्यालय]])
 
3. हिन्‍दी प्रचार-प्रसार एवं हिन्‍दी शिक्षण-प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय कार्य के लिए ‘गंगा शरण सिंह पुरस्‍कार' प्राप्‍त विद्वानों में सर्वप्रथम है।
 
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.hindisansthan.org/hi/ms.htm मोटूरि सत्यनारायण जी का संक्षिप्त जीवन-परिचय] (केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा)
*[http://rachanakar.blogspot.com/2009/07/blog-post_17.html प्रयोजनमूलक हिन्‍दी की संकल्‍पना के प्रवर्तक मोटूरि सत्‍यनारायण] (प्रोफ़ेसर महावीर सरन जैन)
 
[[श्रेणी:हिन्दीसेवी]]
[[श्रेणी:जीवनी]]
[[श्रेणी:साहित्यकार]]
[[श्रेणी:स्वतंत्रता सेनानी]]
[[श्रेणी:पद्म विभूषण]]
 
[[en:Moturi Satyanarayana]]
[[te:మోటూరి సత్యనారాయణ]]
{{१९६२ पद्म भूषण}}
[[श्रेणी:१९६२ पद्म भूषण]]