"आयु": अवतरणों में अंतर
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कुछ रोगों से मनुष्य समय के बहुत पहले बुड्ढा लगने लगता है। प्रोजीरिया नामक रोग में तो बच्चे भी बुड्ढों की आकृति के हो जाते हैं, परंतु सौभाग्यवश यह रोग बहुत कम होता है। कुछ रोग विशेषकर बुड्ढों में होते हैं। इनमें से प्रधान रोग हैं [[मधुमेह]] (डायबिटीज़), कर्कट (कैंसर) और हृदय, धमनी तथा वृक्क के रोग। बचपन और युवावस्था के रोगों में से न्यूमोनिया बहुधा बूढ़ों को भी हो जाता है और साधारणत: उनका प्राण ही ले लेता है।
भेषज वैधिक (मेडिका-लीगल) कार्यों में यथार्थ
==कानून में आयु==
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२०वीं शताब्दी के प्रारंभ में 'मानसिक आयु' (मेंटल एज) का प्रयोग किया गया है। यद्यपि इस शब्दावली की ओर सन् १८८७ ई. में भी संकेत किया गया था, तथापि इसका श्रेय फ्रांस के मनोवैज्ञानिक अल्फ्रडे बीने (१८५७-१९११) को दिया जाता है। मानसिक आयु का तात्पर्य कुछ समान आयुवाले बालकों की औसत मानसिक योग्यता से है। इससे बालक की साधारण मानसिक योग्यता का अनुमान मिलता है। मानसिक आयु बढ़ती है और परिपक्व होती है। सामान्यत: इसकी परिपक्वता का समय १४ से २२ वर्ष की आयु के भीतर कभी भी आ सकता है। कुछ लोगों में इसकी परिपक्वता २२ वर्ष के बाद भी आ सकती है।
==बाहरी_कड़ियाँ==
* [http://www.achhikhabar.com/2011/12/16/age-quotes-in-hindi/ आयु के विषय में महान लोगों के विचार (Age Quotes in Hindi)]
==संदर्भ ग्रंथ==
ए.जी. बेल : दि ड्यूरेशन ऑव लाइफ़ ऐंड द कंडिशंस ऐसाशिएटेड विद लांजेविटी; लुई आई. डबलिन तथा एच.एच. मार्क्स : इनहेरिटेंस ऑव लांजेविटी, ए.जी. लोटका : लेंग्थ ऑव लाइफ ऐंड स्टडी ऑव लाइफ़ टेबुल्स; ई.सी. काउदी : प्राब्लेम ऑव एजिंग; टेलर तथा मोदी : मेडिकल जुरिसप्रुडेंस।
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