"मरियम (ईसा मसीह की माँ)": अवतरणों में अंतर

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'''मरियम''' [[ईसा मसीह]] की माँमां का नाम थ।था, जो "ख़ुदावंद की मां" या "मुक़द्दस कुंआरी मरियम" भी कहलाती है। उनकी कहानी [[बाईबल]] के [[न्यु टेस्टामेंट]] में बताई गई है। वह फ़लस्तीन के इलाक़े [[गलील]] के शहर [[नासिरत]] में रहनेवाली एक जन्मजात यहूदी औरत थी।[[ इंजील]] ब-मुताबिक़ मत्ती, इंजील ब-मुताबिक़ लूक़ा और क़ुरान में उसे कुंआरी होने का वर्णन किया गया है.
 
ईसाईयों का मान्यता है कि किसी इंसानी दख़्ल के बिना, मरियम [[पवित्र आत्मा]] के क़ुदरत से गर्भ रही, क्योंकि वह ईश्वर की चुनिंदा हस्ती थी। इस्लाम में माना जाता है कि मरियम महज़ ईश्वर की अभिलाषा से गर्भ रही। उस समय, मरियम की मंगनी [[यूसुफ़]] से हो चुकी थी । यूसुफ़ के साथ शादी करने के बाद वह बैतलहम चली गई, जहां पर ईसा मसीह पैदा हुआ। इसाई धर्म में माना जाता है कि पुराने नियम (पुराने अहदनामा) में नबियों ने कुंआरी से जन्म की पेशगोई भी की है: "देखो, कुंआरी पेट रहेगी, और उसको बेटा होगा" (अशाया 14:7)
 
नये नियम में मरियम की कहानी शुरु होती जब जिब्राइल फ़रिश्ता उसके सामने आता है, और उसे बताता है कि ईश्वर ने उसको आनेवाले मसीह की मां बनने के लिए चुना है।
गिरजे के परंपराओं और चंद प्राचीन [[अपोक्रिफ़ा]] के मुताबिक़, मरियम के मां-बाप हन्ना और योआकीम नामी दो बुज़ुर्ग लोग थे।
इसाई धर्म में मरियम के प्रति मान्यताएं विभिन्न हैं, जैसे कि मरियम की "बेदाग़ पैदाइश" और "जन्नत में चढ़ाव". रोमन कैथोलिक मरियम की विशेष भक्ति करते हैं, और उसे "आसमान की मलिका" और "गिरजे की मां" की रूप में उसके लिए श्रद्धा रखते हैं। औस्तन, प्रोटेस्टैन्ट मरियम को इस भूमिका तक नहीं चढ़ाते हैं क्योंकि उनकी नज़रिए में, मरियम की भूमिका बाइबल में ही छोटी है।
 
 
 
[[af:Maria]]