"राष्ट्रीय राजमार्ग २१९ (चीन)": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
१९५४ में चीन ने तिब्बत पर क़ब्ज़ा किया। उस दौरान चीन के विरुद्ध वहाँ विद्रोह भड़कते रहते थे, जिस वजह से चीनी सरकार ने पश्चिमी तिब्बत पहुँचने के लिए एक नए मार्ग को तेज़ी से पूरा करने की ठानी। भारत इस क्षेत्र में सैनिक गश्तें नहीं लगता था क्योंकि उस समय 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' के नीति ज़ोरों पर थी। १९५७ में जब सड़क तैयार हो गई तो इस बात की घोषणा एक सरकारी चीनी अख़बार में की गई। चीन में भारत के दूतावास ने इसे देखकर सितम्बर १९५७ में [[दिल्ली]] में [[भारत सरकार]] को सतर्क किया। उस समय [[लद्दाख़]] में भयंकर सर्दी थी इसलिए जुलाई १९५८ में भारत सरकार ने दो दस्ते सड़क का मुआइना करने भेजे। पहला दस्ता सड़क के दक्षिणी हिस्से को देखकर अक्टूबर १९५८ में वापस पहुंचा और सरकार को ख़बर दी। दूसरा दस्ता सड़क के उत्तरी भाग का मुआइना करने गया लेकिन फिर कभी नहीं लौटा।<ref name="ref92zazuy">{{cite web | title=A region in turmoil: South Asian conflicts since 1947 | author=Robert Johnson | publisher=Reaktion Books, 2005 | isbn=9781861892577 | url=http://books.google.com/books?id=Sub5yWzftqoC}}</ref>
 
==विवरण==