"अक्साई चिन": अवतरणों में अंतर

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{{Chinese|s=阿克赛钦 |t=阿克賽欽|p=Ākèsàiqīn|
|pic=China India western border 88.jpg|piccap=[[भारत]] - [[चीन]] पश्चिमी सीमा पर अक्साई चिन दर्शित है}}
'''अक्साई चिन''' या '''अक्सेकिन''' (<small>[[चीनी भाषा|सरलीकृत चीनी]]: 阿克赛钦, आकेसैचिन</small>) [[चीन]], [[पाकिस्तान]] और [[भारत]] के संयोजन में [[तिब्बती पठार]] के उत्तर्पश्चिम में स्थित एक विवादित क्षेत्र है। यह [[कुनलुन पर्वतों]] के ठीक नीचे स्थित है।<ref>{{cite web |url=http://edition.cnn.com/2002/WORLD/asiapcf/east/05/24/aksai.chin/ |title=Aksai Chin: China's disputed slice of Kashmir |publisher=CNN.com |accessdate=2007-07-23}}</ref> ऐतिहासिक रूप से अक्साई चिन भारत को [[रेशम मार्ग]] से जोड़ने का ज़रिया था और भारत और हज़ारों साल से [[मध्य एशिया]] के पूर्वी इलाकों (जिन्हें तुर्किस्तान भी कहा जाता है) और भारत के बीच संस्कृति, भाषा और व्यापार का रास्ता रहा है। भारत से तुर्किस्तान का व्यापार मार्ग [[लद्दाख़]] और अक्साई चिन के रस्ते से होते हुए [[काश्गर शहर]] जाया करता था।<ref name="ref50mufif">[http://books.google.com/books?id=mFW3sXnzEQ4C Foreign trade and commerce in ancient India], Prakash Charan Prasad, Abhinav Publications, 1977, ISBN 9788170170532</ref> १९५० के दशक से यह क्षेत्र चीन क़ब्ज़े में है पर भारत इस पर अपना दावा जताता है और इसे [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य का उत्तर पूर्वी हिस्सा मानता है। अक्साई चिन [[जम्मू और कश्मीर]] के कुल क्षेत्रफल के पांचवें भाग के बराबर है। चीन ने इसे प्रशासनिक रूप से [[शिनजियांग प्रांत]] के [[काश्गर विभाग]] के [[कार्गिलिक ज़िले]] का हिस्सा बनाया है।
 
== विवरण ==