"दारा शिकोह": अवतरणों में अंतर

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[[File:Dárá Shikúh with three sages with inscription.jpg|thumb|Dárá Shikúh with three sages with inscription]]
[[File:Shah Jahan Receiving Dara Shikoh,.jpg|thumb|Shah Jahan Receiving Dara Shikoh]]
'''दारा शिकोह''' [[मुमताज महल]] के गर्भ से उत्पन्न मुगल सम्राट् [[शाहजहाँ]] का ज्येष्ठ पुत्र जो 20 मार्च, 1615 को उत्पन्न हुआ। 1633 में युवराज बनाया गया और उसे उच्च मंसब प्रदान किया गया। 1645 में इलाहाबाद, 1647 में लाहौर और 1649 में वह गुजरात का शासक (गवर्नर) बना। 1653 में कंधार में हुई पराजय से इसकी प्रतिष्ठा को धक्का पहुँचा। फिर भी शाहजहाँ इसे अपने उत्तराधिकारी के रूप में देखता था, जो दारा के अन्य भाइयों को स्वीकार नहीं था। शाहजहाँ के बीमार पड़ने पर [[औरंगजेब]] और मुराद ने दारा के धर्मद्रोही होने का नारा लगाया। युद्ध हुआ। दारा दो बार, पहले आगरे के निकट सामूगढ़ में (जून, 1658) फिर अजमेर के निकट देवराई में (मार्च, 1659), पराजित हुआ। अंत में 10 सितंबर, 1659 को दिल्ली में औरंगजेब ने उसकी हत्या करवा दी। दारा का बड़ा पुत्र औरंगजेब की क्रूरता का भाजन बना और छोटा पुत्र ग्वालियर में कैद कर दिया गया।