"पालि भाषा का साहित्य": अवतरणों में अंतर
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पालि [[छन्दशास्त्र|छंद:शास्त्र]] पर भी अनेक रचनाएँ हैं, जैसे वृत्तोदय, छंदोविचिति और कविभारप्रकरण आदि। इनमें थर संघरविखत कृत (12वीं शती) वृत्तोदय ही सबसे अधिक प्रसिद्ध है। इसपर वचनत्वजोतिका नामक टीका भी लिखी गई। इन्हीं संघरविखत कृत पालि काव्यशास्त्र पर भी एकमात्र रचना है- '''सुबोधालंकार।'''
राहुला
==यह भी देखिये==
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