"अरल सागर": अवतरणों में अंतर

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'''अरल सागर ''' या '''अराल सागर''' ([[कज़ाख़ भाषा|कज़ाख़]]: Арал Теңізі, [[उज़बेक भाषा|उज़्बेक]]: Orol dengizi, [[रूसी भाषा|रूसी]]: Аральскοе мοре, [[ताजिक भाषा|ताजिक]]/[[फ़ारसी]]: दरिय(ओचा)-ए-खवारज़्म) मध्य एशिया में स्थित एक [[झील]] जिसके बड़े आकार के कारण इसे सागर कहा जाता है, पर अब दिनोदिन इसका आकार घटता जा रहा है। स्थानीय भाषाओं में इसका शाब्दिक अर्थ है ''द्वीपों की झील'' जो इस झील में एक समय पर दिखने वाले लगभग 1500 टापुओं के आधार पर नामांकित थी। 1960 में सोवियत प्रशासन ने इसमें विसर्जित होने वाली दो नदियों - आमू और साइर नदी को मरुभूमि सिंचाई के लिए विमार्गित करने का निर्णय लिया जिसके बाद से ये तीन अलग-अलग भागों में बंट गया। जिसके फलस्वरूप आने वाले 40 सालों में अराल सागर का 90 प्रतिशत जल खत्म हो गया तथा 74 प्रतिशत से अधिक सतह सिकुड़ गई और इसका आकार 1960 के इसके आकार का सिर्फ 10 प्रतिशत ही रह गया है।<ref>[http://hindi.webdunia.com/samayik/article/article/0911/16/1091116056_1.htm].पर्यावरण ह्रास के 'कुख्यात प्रतीक' बनते जलस्रोत</ref>
 
== इतिहास ==