"मदर इण्डिया": अवतरणों में अंतर

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'''मदर इण्डिया''' ({{lang-en|Mother India}}, {{lang-ur|{{nastaliq|مدر انڈیا}}}}) १९५७ में बनी भारतीय फ़िल्म है जिसे महबूब खान द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। फ़िल्म में [[नर्गिस]], [[सुनील दत्त]], [[राजेंद्र कुमार]] और [[राज कुमार]] मुख्य भूमिका में है। फ़िल्म महबूब खान द्वारा निर्मित ''औरत'' (१९४०) का रीमेक है। यह गरीबी से पीड़ित गांव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने की मेहनत करती है। उसकी मेहनत और लगन के बावजूद वह एक देवी-स्वरूप उदहारण पेश करती है व भारतीय नारी की परिभाषा स्थापित करती है और फिर भी अंत में भले के लिए अपने गुण्डे बेटे को स्वयं मार देती है। वह आज़ादी के बाद के भारत को सबके सामने रखती है।
 
यह फ़िल्म अबतक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अबतक भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म मणि जाती है। इसे १९५८ में तीसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। ''मदर इण्डिया'' ''[[किस्मत]]'' (१९४३), ''[[मुग़ल-ए-आज़म]]'' (१९६०) और ''[[शोले]]'' (१९७५) के साथ उन चुनिन्दा फ़िल्मों में आती है जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते है और यह हिन्दी सांस्कृतिक फ़िल्मों की श्रेणी में विराजमान है। यह फ़िल्म भारत की ओर से पहली बार [[अकादमी पुरस्कारों]] के लिए भेजी गई फ़िल्म थी।<ref name="Oscars1958">{{Cite web|url=http://www.oscars.org/awards/academyawards/legacy/ceremony/30th-winners.html |title=द 30th अकैडमी अवार्ड्स (1958) नामाकन और विजेता |accessdate=2011-10-25|work=oscars.org}}</ref>
 
== संक्षेप ==