"बामयान": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
|||
पंक्ति 4:
बामियाँ घाटी में 2001 में [[तालिबान]] ने दो विशालकाय बौद्ध प्रतिमाओं को गैर-इस्लामी कहकर डायनामाइट से उड़ा दिया था। हाल ही में हमयन स्थित ऑयल-पेंटिंग्स को दुनिया की सबसे पुरानी तेल-चकला का नमूना करार दिया गया।
[[काबुल]] से उत्तर-पश्चिम में प्राचीन [[तक्षशिला]]-बैक्ट्रिया मार्ग पर '''बामियाँ''' के भग्नावशेष आज भी अपने गौरव के प्रतीक है। [[
इस वृत्तांत की पुष्टि [[अफगानिस्तान]] में [[हिंदूकुश]] पहाड़ी तथा वामियाँ एवं वहाँ की विशाल मूर्तियों से होती है। एक मील की लंबाई में चट्टान के दोनों छोर पर क्रमश: 120 तथा 115 फी. ऊँची बुद्ध की मूर्तियाँ हैं। छोटी मूर्ति [[गंधार कला]] की प्रतीत होती है। वेशभूषा के आधार पर इसकी तिथि ईसवी की दूसरी तीसरी शताब्दी मानी जा सकती है। बड़ी मूर्ति का निर्माण लगभग 100 वर्ष बाद हुआ। इनके पीछे आलों की छतों में चित्रकला के भी अंश मिले हैं। इनको ससानी, भारतीय तथा मध्य एशिया से संबंधित वर्गों में रखा गया है। बामियाँ के चित्र [[अजंता]] की 9वीं तथा 10वीं गुफाओं के चित्रों तथा मीरन (मध्यएशिया) की कला से मिलते जुलते हैं।
|