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[[Image:Scythia-Parthia 100 BC.png|thumb|right|230px|पहली शताब्दी ईसापूर्व में [[स्किथी लोग|स्किथिया]] और [[सरमती लोग|सरमतिया]]]]
[[Image:Central Asia Physical.jpg|thumb|375px230px|'''[[मध्य एशिया''' ]] का भौतिक मानचित्र -, पश्चिमोत्तर में काकेसस[[कॉकस]] से लेकर पूर्वोत्तर में [[मंगोलिया]] तक]]
 
[[Image:MenWithDragons.jpg|thumb|230px|स्किथियों के सोने के अवशेष, [[बैक्ट्रिया]] की तिलिया तेपे पुरातन-स्थल से]]
 
[[Image:PazyrikHorseman.JPG|thumb|230px|३०० ईसापूर्व में मध्य एशिया के पज़ियरिक क्षेत्र से शक (स्किथी) घुड़सवार]]
'''शक''' प्राचीन काल में मध्य एशिया की एक निराश्रय जनजाति, जो यूहेची जनजाति के दबाव के कारण [[भारत]] की ओर अग्रसर हुई। शक प्राचीन आर्यों के वैदिक कालीन सम्बन्धी रहे हैं जो शाकल द्वीप पर बसने के कारण शाक अथवा शक कहलाये. भारतीय पुराण इतिहास के अनुसार शक्तिशाली राजा सगर (Sargon-I) द्वारा देश निकाले गए थे व लम्बे समय तक निराश्रय रहने के कारण अपना सही इतिहास सुरक्षित नहीं रख पाए .हूणों द्वारा शकों को शाकल द्वीप क्षेत्र से भी खदेड़ दिया गया था . जिसके परिणाम स्वरुप शकों का कई क्षेत्रों में बिखराव हुआशक १ , की परिभाषा शक १ , का अर्थ शक १ - शक १संज्ञा पुं० [सं०] १ . एक प्राचीन जाति । विशेष—पुराणों में इस जाति की उत्पत्ति सूर्यवंशी राजा नरिष्यंत से कही गई है । राजा सगर ने राजा नरिष्यंत को राज्यच्युत तथा देश से निर्वासित किया था । वर्णाश्रम आदि के नियमों का पालन न करने के कारण तथा ब्राह्मणों से अलग रहने के कारण वे म्लेच्छ हो गए थे । उन्हीं के वंशज शक कहलाए । आधुनिक विद्वनों का मत है कि मध्य एशिया पहले शकद्वीप के नाम से प्रसिद्ध था । युनानी इस देश को सीरिया कहते थे । उसी मध्य एशिया के रहनेवाला शक कहे जाते है । एक समय यह जाति बड़ी प्रतापशालिनी हो गई थी । ईसा से दो सौ वर्ष पहले इसने मथुरा और महाराष्ट्र पर अपना अधिकार कर लिया था । ये लोग अपने को देवपुत्र कहते थे । इन्होंने १९० वर्ष तक भारत पर राज्य किया था । इनमें कनिष्क और हविष्क आदि बड़े बड़े प्रतापशाली राजा हुए हैं । २ . वह राजा या शासक जिसके नाम से कोई संवत् चले । ३ . राजा शालिवाहन का चलाया हुआ संवत् जो ईसा के ७८ वर्ष पश्चात् आरंभ हुआ था । ४ . शालिवाहन के अनुयायी अथवा उसके वंशज । ५ . संवत् । यौ०—शककर्ता, शककृत् = दे० 'शककारक' । शककाल = दे० 'शक संवत्' । शक संवत् = राजा शालिवाहन का चलाया हुआ संवत् । दे० 'शक'—३ । ६ . तातार देश । ७ . जल । ८ . मल । गोमय । ९ . एक प्रकार का पशु । १० . संदेह । आशंका । भय । त्रास । डर ।
'''शक''' प्राचीन [[मध्य एशिया]] में रहने वाली [[स्किथी लोगों]] की एक जनजाति या जनजातियों का समूह था। इनकी सही नस्ल की पहचान करना कठिन रहा है क्योंकि प्राचीन भारतीय, ईरानी, यूनानी और चीनी स्रोत इनका अलग-अलग विवरण देते हैं। फिर भी अधिकतर इतिहासकार मानते हैं कि 'सभी शक स्किथी थे, लेकिन सभी स्किथी शक नहीं थे', यानि 'शक' स्किथी समुदाय के अन्दर के कुछ हिस्सों का जाति नाम था। स्किथी विश्व के भाग होने के नाते शक एक प्राचीन [[ईरानी भाषा-परिवार]] की बोली बोलते थे और इनका अन्य स्किथी-[[सरमती लोग|सरमती]] लोगों से सम्बन्ध था। शकों का भारत के इतिहास पर गहरा असर रहा है क्योंकि यह [[युएझ़ी लोगों]] के दबाव से [[भारतीय उपमहाद्वीप]] में घुस आये और उन्होंने यहाँ एक बड़ा साम्राज्य बनाया। आधुनिक भारतीय राष्ट्रीय कैलंडर 'शक संवत' कहलाता है। बहुत से इतिहासकार इनके दक्षिण एशियाई साम्राज्य को 'शकास्तान' कहने लगे हैं, जिसमें [[पंजाब]], [[हरियाणा]], [[राजस्थान]], [[गुजरात]], [[सिंध]], [[ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा]] और [[अफ़्ग़ानिस्तान]] शामिल थे।<ref name="ref00foluj">[http://books.google.com/books?id=boM2cdsRXRIC The age of the Parthians], Vesta Sarkhosh Curtis, Sarah Stewart, I.B.Tauris, 2007, ISBN 9781845114060, ''... whose names are not clearly transmitted, succeeded in expelling the Saca horde from Drangiana, and drove them eastwards into Arachosia and the Punjab. There the invaders established a powerful kingdom, known as Sakastan ...''</ref>
 
==विवरण==
'''शक''' प्राचीन काल में मध्य एशिया की एक निराश्रय जनजाति, जो यूहेची जनजाति के दबाव के कारण [[भारत]] की ओर अग्रसर हुई। शक प्राचीन आर्यों के वैदिक कालीन सम्बन्धी रहे हैं जो शाकल द्वीप पर बसने के कारण शाक अथवा शक कहलाये. भारतीय पुराण इतिहास के अनुसार शक्तिशाली राजा सगर (Sargon-I) द्वारा देश निकाले गए थे व लम्बे समय तक निराश्रय रहने के कारण अपना सही इतिहास सुरक्षित नहीं रख पाए .हूणों द्वारा शकों को शाकल द्वीप क्षेत्र से भी खदेड़ दिया गया था . जिसके परिणाम स्वरुप शकों का कई क्षेत्रों में बिखराव हुआशक १ , की परिभाषा शक १ , का अर्थ शक १ - शक १संज्ञा पुं० [सं०] १ . एक प्राचीन जाति । विशेष—पुराणों में इस जाति की उत्पत्ति सूर्यवंशी राजा नरिष्यंत से कही गई है । राजा सगर ने राजा नरिष्यंत को राज्यच्युत तथा देश से निर्वासित किया था । वर्णाश्रम आदि के नियमों का पालन न करने के कारण तथा ब्राह्मणों से अलग रहने के कारण वे म्लेच्छ हो गए थे । उन्हीं के वंशज शक कहलाए । आधुनिक विद्वनों का मत है कि मध्य एशिया पहले शकद्वीप के नाम से प्रसिद्ध था । युनानी इस देश को सीरिया कहते थे । उसी मध्य एशिया के रहनेवाला शक कहे जाते है । एक समय यह जाति बड़ी प्रतापशालिनी हो गई थी । ईसा से दो सौ वर्ष पहले इसने मथुरा और महाराष्ट्र पर अपना अधिकार कर लिया था । ये लोग अपने को देवपुत्र कहते थे । इन्होंने १९० वर्ष तक भारत पर राज्य किया था । इनमें कनिष्क और हविष्क आदि बड़े बड़े प्रतापशाली राजा हुए हैं । २ . वह राजा या शासक जिसके नाम से कोई संवत् चले । ३ . राजा शालिवाहन का चलाया हुआ संवत् जो ईसा के ७८ वर्ष पश्चात् आरंभ हुआ था । ४ . शालिवाहन के अनुयायी अथवा उसके वंशज । ५ . संवत् । यौ०—शककर्ता, शककृत् = दे० 'शककारक' । शककाल = दे० 'शक संवत्' । शक संवत् = राजा शालिवाहन का चलाया हुआ संवत् । दे० 'शक'—३ । ६ . तातार देश । ७ . जल । ८ . मल । गोमय । ९ . एक प्रकार का पशु । १० . संदेह । आशंका । भय । त्रास । डर ।
 
भारत के पश्चिमोत्तर भाग कपिशा और [[गांधार]] में यवनों के कारण ठहर न सके और बोलन घाटी पार कर भारत में प्रविष्ट हुए। तत्पश्चात् उन्होंने पुष्कलावती एवं तक्षशिला पर अधिकार कर लिया और वहाँ से यवन हट गए। 72 ई. पू. शकों का प्रतापी नेता मोअस उत्तर पश्चिमांत के प्रदेशों का शासक था। उसने महाराजाधिराज महाराज की उपाधि धारण की जो उसकी मुद्राओं पर अंकित है। उसी ने अपने अधीन क्षत्रपों की नियुक्ति की जो तक्षशिला, मथुरा, महाराष्ट्र और उज्जैन में शासन करते थे। कालांतर में ये स्वतंत्र हो गए। शक विदेशी समझे जाते थे यद्यपि उन्होंने शैव मत को स्वीकार कर किया था। मालव जन ने विक्रमादित्य के नेतृत्व में मालवा से शकों का राज्य समाप्त कर दिया और इस विजय के स्मारक रूप में [[विक्रम संवत्]] का प्रचलन किया जो आज भी हिंदुओं के धार्मिक कार्यों में व्यवहृत है। शकों के अन्य राज्यों का शकारि विक्रमादित्य गुप्तवंश के चंद्रगुप्त द्वितीय ने समाप्त करके एकच्छत्र राज्य स्थापित किया। शकों को भी अन्य विदेशी जातियों की भाँति भारतीय समाज ने आत्मसात् कर लिया। शकों की प्रारंभिक विजयों का स्मारक शक संवत् आज तक प्रचलित है।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[स्किथी लोग]]
*[[सरमती लोग]]
*[[युएझ़ी लोग]]
 
== वाह्य सूत्र ==
.[[Image:Scythia-Parthia 100 BC.png|thumb|right|250px|Approximate extent of Scythia and [[Sarmatia]] in the 1st century BC.]]
* [http://www.cais-soas.com/CAIS/Anthropology/scythian/saka_ethnic.htm The Ethnic of Sakas (Scythians)]
[[Image:MenWithDragons.jpg|thumb|250px|Gold artifacts of the Scythians in Bactria, at the site of [[Tillia tepe]].]]
* [http://www.cais-soas.com/CAIS/Religions/iranian/Zarathushtrian/Oric.Basirov/origin_of_the_iranians.htm The origin of the pre-Imperial Iranian peoples]
 
* [http://www.stevequayle.com/Giants/W.Europe/W.Europe3.html Legends of giants in western Europe]
[[Image:PazyrikHorseman.JPG|thumb|200px|Saka (Scythian) horseman from [[Pazyryk]] in Central Asia, c. 300 BC.]]
 
 
== वाह्य सूत्र ==
* [http://www.cais-soas.com/CAIS/Anthropology/scythian/saka_ethnic.htm The Ethnic of Sakas (Scythians)]
* [http://www.cais-soas.com/CAIS/Religions/iranian/Zarathushtrian/Oric.Basirov/origin_of_the_iranians.htm The origin of the pre-Imperial Iranian peoples]
* [http://www.stevequayle.com/Giants/W.Europe/W.Europe3.html Legends of giants in western Europe]
*[http://www.livius.org/sao-sd/scythians/scythians.html Scythians/Sacae: Article by Jona Lendering]
*[http://evolutsioon.ut.ee/publications/Kivisild2003b.pdf Article by Kivisild et al on genetic heritage of early Indian settlers]
 
==सन्दर्भ==
<small>{{reflist|2}}</small>
 
[[श्रेणी:विलुप्त जातियाँ]]
[[श्रेणी:ईरानी जातियाँ]]
[[श्रेणी:मध्य एशिया का इतिहास]]
[[श्रेणी:भारत का इतिहास]]
 
[[cv:Сакасем]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/शक" से प्राप्त