"दुर्गा भाभी": अवतरणों में अंतर

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दुर्गाभाभी क्रांतिकारी [[भगवती चरण बोहरा]] की धर्मपत्नी थीं। दुर्गाभाभी के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन वो था जिस दिन सरदार भगत सिंह और सुखदेव ने १७ दिसंबर १९२८ को [[सान्डर्स]] को मौत के घाट उतारने के बाद, आगे की योजना की सलाह लेने दुर्गाभाभी के पास आये और दुर्गा भाभी की ही सलाह मान कर, १८ दिसम्बर १९२८ को सरदार भगत सिंह ने एक अंग्रेज की वेशभूषा में , दुर्गाभाभी और उनके बच्चों के साथ [[कोलकाताकलकत्ता]] मेल में वो ऐतिहासिक यात्रा की थी। यह यात्रा जो हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में चिन्हित हो गयी।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[भगवती चरण वोहरा]]
 
==बाहरी कड़ियाँ==