पंक्ति 15:
शांति की मृत्यु का बदला लेने के लिए ओम कपूर पप्पू, बेला और अन्य साथियों के साथ मिलकर एक योजना बनाता है। ओम मुकेश से तय करता है कि वे दोनों फिर से 'ओम शांति ओम' फिल्म का निर्माण करेंगे। फिर ओम और उसके सहायक शांतिप्रिया की हमशक्ल की तलाश करते हैं। उन्हें सन्ध्या या 'सैन्डी" नाम की युवती ([[दीपिका पादुकोण]]) मिलती है जो देखने में शांतिप्रिया के समान और 'ओ के' की दीवानी है। और फिर उनकी योजना शुरू होती है-- ओम मुकेश के साथ खेल खेलता है। सैन्डी शांति के रूप में मुकेश के समने बार बार आती है। मुकेश सोचता है कि वह शांति की आत्मा है और भयभीत रहने लगता है। लेकिन फिर एक दिन मुकेश जान जाता है कि यह युवती कोई और है, शांति नहीं। वह सतर्क हो जाता है।
 
अन्त में सेट पर ओम और मुकेश में हाथापाई होती है। ओम कहता है कि वह पूर्वजन्म में मुकेश द्वारा शांति की हत्या का गवाह था। मुकेश उसे चुनौती देता है कि पूर्वजन्म की बात पर कोई भी अदालत विश्वास नहीं करेगी। तभी शांति के वेष में एक युवती (जिसे वे दोनों सैंडी समझते हैं) वहां आकर कहती है कि सेट पर लगे झूमर के ठीक नीचे हत्या का सुबूत दबा हुआ है-- उसका शरीर, जिसे मुकेश ने जीवित ही भूमि के नीचे दफना दिया था। वह ओम को मुकेश पर वार करने से रोक देती है। भारीभरकम झूमर नीचे गिरता है और मुकेश उससे दब जाता है। दूसरी ओर से पप्पू के साथ सैन्डी कमरे में आ जाती है। तब ओम को समझ आता है कि सुबूत की बात बताने वाली सैन्डी नहीं, मृतअसली शांतिप्रिया की आत्मा थी, जिसने अपने हत्यारे से बदला ले लिया। शांति की आत्मा ओम को करुण दृष्टि से देखकर मुस्कुराती है और ओझल हो जाती है।
 
== मुख्य कलाकार ==