"अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार'": अवतरणों में अंतर

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==आरंभिक जीवन==
१९६१ में उर्दू में स्नातकोत्तर डिग्री लेने के बाद उन्होंने १९६६ में [[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय]] में उर्दू के लेक्चररव्याख्याता के तौर पर काम शुरू किया। वह यहीं से उर्दू विभाग के अध्यक्षविभागाध्यक्ष के तौर पर १९९६ में सेवानिवृत्त हुए।
 
==कार्य==
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==पुरस्कार एवं सम्मान==
यह वर्ष २००८ के लिए ४४वें [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] से नवाजे गये। समकालीन उर्दू शायरी के जगत में अहम भूमिका निभाने वाले शहरयार को उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार, [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]], दिल्ली उर्दू पुरस्कार और फ़िराक सम्मान सहित कई पुरस्कारों से नवाजा गया।<ref name=jansatta>{{cite news|title=मशहूर शायर शहरयार नहीं रहे|url=http://www.jansatta.com/index.php?option=com_content&task=view&id=11516|accessdate=14 February 2012|publisher=[[जनसत्ता]]|date=14 February 2012|place=अलीगढ़|language=हिन्दी}}</ref>
 
==संदर्भ==