"सोना": अवतरणों में अंतर

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==उपस्थिति==
स्वर्ण प्राय: मुक्त अवस्था में पाया जाता है। यह उत्तम (noble) गुण का तत्व है जिसके कारण से उसके यौगिक प्राय: अस्थायी ही होते हैं। आग्नेय (igneous) चट्टानों में यह बहुत सूक्ष्म मात्रा में वितरित रहता है परंतु समय मेंके साथ क्वार्ट्‌ज नलिकाओं (quartz veins) में इसकी मात्रा में वृद्धि हो गई है। प्राकृतिक क्रियाओं के फलस्वरूप कुछ खनिज पदार्थों में जैसे लौह पायराइट (Fe S2), सीस सल्फाइड (Pb S), चेलकोलाइट (Cu2 S) आदि अयस्कों के साथ स्वर्ण भी कुछ मात्रा में जमा हो गया है। यद्यपि इसकी मात्रा न्यून ही रहती है परंतु इन धातुओं का शोधन करते समय स्वर्ण की सुमिचत मात्रा मिल जाती है। चट्टानों पर जल के प्रभाव द्वारा स्वर्ण के सूक्ष्म मात्रा में पथरीले तथा रेतीले स्थानों में जमा होने के कारण पहाड़ी जलस्रोतों में कभी कभी इसके कण मिलते हैं। केवल टेल्डूराइल के रूप में ही इसके यौगिक मिलते हैं।
 
[[भारत]] में विश्व का लगभग दो प्रतिशत स्वर्ण प्राप्त होता है। [[मैसूर]] की [[कोलार]] की खानों से यह सोना निकाला जाता है। कोलार में स्वर्ण की 5 खानें हैं। इन खानों से स्वर्ण पारद के साथ पारदन (amalgamation) तथा सायनाइड विधि द्वारा निकाला जाता है। उत्तर में सिक्किम प्रदेश में भी स्वर्ण अन्य अयस्कों के साथ मिश्रित अवस्था में मिला करता है। बिहार के मानसून और सिंहभूम जिले में सुवर्णरेखा नदी में भी स्वर्ण के कण प्राप्य हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सोना" से प्राप्त