"संन्यासी विद्रोह": अवतरणों में अंतर

छोNo edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
{{आधार}}
अट्ठारहवीँ शती के अन्तिम वर्षों में [[अंग्रेजी राजशासन]] के विरुद्ध तत्कालीन [[भारत]] के कुछ भागों में सन्यासियों ने बडे ही उग्र आन्दोलन किये थे जिसे [[इतिहास]] में '''सन्यासी विद्रोह''' कहा जाता है। यह आन्दोलन अधिकांशतः उस समय [[ब्रिटिश भारत]] के [[बंगाल]] प्रान्त में हुआ था।
 
[[बाँग्ला भाषा]] के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार [[बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय]] का सन १८८२ में रचित उपन्यास [[आनन्द मठ]] इसी विद्रोह की घटना पर आधारित है। देशभक्ति से परिपूर्ण कालजयी रचना [[वन्दे मातरम्]] इसी उपन्यास की उपज है जो आगे चलकर [[भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम]] का मूलमन्त्र बनी।
 
[[श्रेणी:भारतीय स्वतन्त्रता के क्रान्तिकारी आन्दोलन]]