"द मेट्रिक्स": अवतरणों में अंतर
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इन प्रभावों को सृजित करने के लिए उपयोग में लायी गयी विधि प्राचीन फोटोग्राफी तकनीक, टाइम स्लाइस फोटोग्राफी को तकनीकी रूप से विस्तारित संस्करण की तरह शामिल किया, जिसमें कि बड़ी संख्या में कैमरों को वस्तु के चारों तरफ रखा जाता है तथा एक साथ सभी को स्वाचालित किया जाता है. प्रत्येक कैमरा स्थिर तस्वीर लेने वाला कैमरा है, चलायमान तस्वीर कैमरा नहीं है एवं वीडियो क्रम में सिर्फ एक फ्रेम का योगदान है. जब तस्वीर के शॉट मूवी में देखा जाता है तो दर्शक त्रि-आयामी क्षण को द्वि-आयामी में देखते है. इस प्रकार के टाइम स्लाइस मूवी को देखने से यथार्थ जीवन का बोध होता है जैसे एक मूर्ति को विभिन्न कोणों से एक साथ अवलोकन कर रहे हो. स्टिल कैमरा की स्थिति अंतिम क्लिप में किसी इच्छित चिकना वक्र के सहारे आसान दिखने वाली कैमरा मोशन को उत्पन्न करने के लिए अलग-अलग हो सकती है एवं प्रत्येक कैमरा को चलायमान करने के पहले हल्का-सा देरी किया जा सकता है ताकि मोशन दृश्य को कार्यान्वित किया जा सके (यद्यपि मूवी समय के बहुत ही संक्षिप्त अवधि के लिए).
''द मेट्रिक्स'' में कुछ दृश्य पूरी तरह से स्थिर चरित्रों तथा वस्तुओं के साथ "टाइम-स्लाइस" प्रभाव को चित्रित करता है. फ़िल्म [[संपादन]] (कांट-छांट) तकनीकों ने स्पष्ट कैमरा मोशन की तरलता को संवृद्ध किया. यह प्रभाव को पुन: वाचोवस्की भाइयों तथा विजुएल प्रभाव सुपरवाइजर
''द मेट्रिक्स'' में बुलेट टाइम शॉटस का मुख्य उद्देश्य [[वास्तविक कैमरा]] के द्वारा पदार्थ पर मस्तिष्क के प्रभुत्व को सृजनात्मक रूप से प्रदर्शित करना था. यद्यपि, मौलिक तकनीकी दृष्टिकोण पूर्वपरिभाषित परिदृश्य के साथ भौतिक रूप से आबद्ध था, एवं परिणतिगत प्रभाव सिर्फ असली वास्तविक कैमरा की क्षमता को परिभाषित करती है.
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