"औषधशास्त्र": अवतरणों में अंतर
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शारीरिक अवयवों पर [[औषधि|ओषधियों]] के प्रभाव को '''औषध-प्रभाव-विज्ञान''' या 'भेषजगुण विज्ञान' (फ़ार्माकॉलोजी) कहते हैं। प्राचीन काल में यह केवल उन वनस्पति पदार्थो का संकलन मात्र था जिनको रोगों में लाभ पहुँचानेवाला समझा जाता था। वर्षो तक इसका नाम 'मैटीरिया मेडिका' रहा।
==शाखाएँ==
आधुनिक औषध-प्रभाव-विज्ञान अब 10 शाखाओं में विभक्त हैं।
1. फ़ार्मेको डायनैमिक्स, 2. मैटीरिया मेडिका, 3. फ़ार्मेकोग्नोसी, 4. फ़ार्मेसी, 5. फ़ार्मास्युटिक्स, <br>
6. थेराप्यूटिक्स, 7. केमोथेरैपी, 8. फ़ार्मेकोथेरैपी, 9. पोसोलाजी, 10. टाक्सिकॉलाजी। '''फ़ार्मेको डायनैमिक्स''' के अंतर्गत ओषधियों के गुणों का प्रयोगात्मक एवं उनका जीवों के शरीर में जो अंतिम रूप होता है, उसका अध्ययन किया जाता है।
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'''मैटीरिया मेडिका''' के अंतर्गत औषधियों के मूल पदार्थ तथा उनके बनाने की विधि का विस्तृत वर्णन किया जाता है।
'''भेषज-अभिज्ञान (pharmacognosy / फ़ार्मेकोग्नोसी
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'''फ़ार्मेकोथेरैपी''' (Pharmacotherapy) के अंतर्गत बाधक अवस्था में सूक्ष्म जीवों की रासायनिक संवेदनों के प्रति क्रियाशीलता का वर्णन रहता है।
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==इतिहास==
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[[श्रेणी:जैवरसायन]]
[[ar:علم الصيدلة]]
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