"सिंघम": अवतरणों में अंतर
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==कथानक==
फ़िल्म की शुरुआत एक ईमानदार पुलिस अफसर राकेश कदम (
कहानी शिवागढ़ में बढती है जहां बाजीराव सिंघम ([[अजय देवगन]]), कदम की तरह ही एक ईमानदार पुलिस अफसर वहां के स्टेशन का मुखिया है। वह अपने गाँव की अधिकतर परेशानियां अहिंसा व आपसी सामंजस्य से सुलझाता ह।
सब कुछ अच्छा चल रहा होता है जब एक दिन जयकांत, जिसे बेल पर खून के आरोप में छोड़ा होता है, को शिवागढ़ आकार हर चौथे दिन बेल के कागज़ात पर हस्ताक्षर करने पड़ते है। स्वयं आने के बजाए वह अपने दो आदमियों को कार्य पूरा करने भेजता है जिससे सिंघम चिढ जाता है और जयकांत को स्वयं आकार हस्ताक्षर करने को कहता है। अपमानित हो कर जयकांत शिवगढ़ पहुँच जाता है पर गाँव वालों के सिंघम के प्रति निष्ठां व प्रेम देख कर बदला नहीं ले पाता। वह अपनी राजनैतिक शक्ति का प्रयोग करके सिंघम का तबादला गोवा में करवा लेता है ताकि उसे सबक सिखा सके।
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