"लेबनान": अवतरणों में अंतर

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'''लेबनॉन''', आधिकारिक रूप से लुबनॉन गणराज्य, पश्चिमी एशिया में [[भूमध्य सागर]] के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। इसके उत्तर और पूर्व में [[सीरिया]] और दक्षिण में [[इस्राइल|इसराइल]] स्थित है। भूमध्य बेसिन और अरब के भीतरी भाग के बीच में सेतु बने इस देश का इतिहास समृद्ध और मिश्रित है । यह भूमि फ़ीनिसियनों की अति-प्राचीन (2500 ईसापूर्व - 530539 ईसापूर्व) संस्कृति का स्थल थी जहाँ से लेखन कला के विकास की कड़ी जुड़ी है । इसके बाद [[फ़ारसी]], [[यूनानी]], [[रोमन]], [[अरब]] और [[उस्मानी]] तुर्कों के कब्जे में रहने के बाद यह [[फ्रांस]] के शासन में भी रहा । इसी ऐतिहासिक वजह से देश की धार्मिक और जातीय विविधता इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाती है।
 
यहाँ 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं जिनमें [[शिया]] और [[सुन्नी]] का लगभग समान हिस्सा है और लगभग 38 प्रतिशत [[ईसाई]] । 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ एक गृहयुद्ध चला था और 2006 में इसराइल के साथ एक युद्ध । यहाँ एक विशेष प्राकर की गणतांत्रिक सरकार का शासन है जिसमें राष्ट्रपति एक ईसाई होता है, प्रधान मंत्री एक सुन्नी मुस्लिम, निव्राचित प्रतिनिधियों की सभा का अध्यक्ष एक शिया मुस्लिम और उप प्रधान मंत्री एक ग्रीक परंपरावादी धर्म का होता है । [[अरबी]] यहाँ की सबसे बोले जाने वाली और सांवैधानिक भाषा है ।
 
==इतिहास ==
लेबनॉन की भूमि का इतिहास ईसापूर्व 2500 इस्वी के आसपास की फ़ीनिक संस्कृति से शुरु होता है जो सामुद्रिक शक्ति थे । इन्होंने भूमध्य सागर में स्पेन और अफ़्रीक़ा के तटों पर अपने उपनिवेश बनाए थे जिसमें आधुनिक लीबिया का कार्थेज सबसे प्रसिद्ध है । इन जगहों पर फ़ीनिसियन अपने व्यापार के सिलसिले में बसते भी गए । इन्होंने एक 24 अक्षरों की वर्णमाला बनाई जो आधुनिक कई एशियाई और यूरोपीय वर्णमालाओं की पूर्वज मानी जाती है । इसमें रोमन, ग्रीक, अरबी, हिब्रू, आरामाईक और देवनागरी शामिल हैं । असीरिया तथा बेबीलोन के साम्राज्यों के ये सहायक भी रहे पर इनका रिश्ता उतना सामंजस्यपूर्ण नहीं था ।
 
ईसा के 539 साल पहले जब दक्षिणी ईरान के फ़ार्स प्रांत के एक साम्राज्य के राजकुमार [[कुरोश]] (सायसस) ने असीरिया के साम्रज्य को हराकर इस प्रदेश को जीतने के अभियान पर निकला तो फ़ीनिशिया को जीतने के बाद इसे एक क्षत्रप (राज्य) बना दिया गया । इसके बाद इस पर फ़ारसियों का शासन कोई 200 सालों तक रहा । पर पश्चिम मे शक्तिशाली हो रहे मेसीडोन के [[सिकंदर]] ने 331 ईसापूर्व में इसे जीत लिया । उसके मरने के बाद यह सेल्युकस के प्रदेश का हिस्सा बना । रोमनों ने यूनानियों को सन् 24 ईसापूर्व में हरा दिया जिसके बाद यह रोमनों के शासन काल में आ गया और अगले 6 सदियों तक रहा । इसी दौरान यहाँ ईसाई धर्म का प्रसार हुआ ।
 
अरबों ने इस प्रदेश के उपर सातवीं सदी के उत्तरार्ध में ध्यान दिया जब [[उमय्यद|उमय्यदों]] की राजधानी पूर्व में [[दमिश्क़]] में बनी ।