"बुल्ले शाह": अवतरणों में अंतर
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बुल्ले शाह ने पंजाबी में कविताएँ लिखीं जिन्हें "काफ़ियाँ" कहा जाता है।
== संस्कृति
* बुल्ले शाह की कविता "बुल्ला की जाना मैं कौन" को [[रब्बी शेरगिल]] ने एक रॉक गाने के तौर पर
* इनकी कविता का प्रयोग पाकिस्तानी फ़िल्म "ख़ुदा के लिये" के गाने "बन्दया हो" में किया गया
* इनकी कविता का प्रयोग बॉलीवुड फ़िल्म रॉकस्टार के गाने "कतया करूँ" में किया गया था।
* 2007 में इनके देहांत की 250वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये क़सूर शहर में एक लाख से अधिक लोग एकत्रित हुए थे।<ref>{{cite book|title=The duel: Pakistan on the flight path of American power|author=तारिक़ अली|publisher=साइमन एंड शूस्टर|place=|year=2008|url=http://books.google.com/books?id=zfLaN1-z6WEC|accessdate=17 मार्च 2012|ISBN=9781416561019|page=16}}</ref>
==सन्दर्भ==
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