"बुल्ले शाह": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
→संस्कृति पर प्रभाव: स्रोत सहित तथ्य जोड़ा |
improve lead, format ISBNs, add further reading section, add info with ref |
||
पंक्ति 10:
| birth_date = 1680
| birth_place =
| death_date =
| death_place = क़सूर
| resting_place = क़सूर
| resting_place_coordinates = <!-- {{Coord|LAT|LONG|type:landmark|display=inline}} -->
| monuments =
पंक्ति 30:
| influenced =
| home_town =
| religion = [[इस्लाम]]<
| parents = पिता: शाह मुहम्मद दरवेश
| relatives =
Line 39 ⟶ 37:
}}
'''बुल्ले शाह''' ({{भाषा-पंजाबी|ਬੁੱਲ੍ਹੇ ਸ਼ਾਹ}}, जन्म नाम '''अब्दुल्ला शाह''') (जन्म 1680), जिन्हें '''बुल्ला शाह''' भी कहा जाता है, एक पंजाबी सूफ़ी संत एवं कवि थे।
== जन्म ==
उनका जन्म सन् 1680 में हुआ था। उनके जन्मस्थान के बारे में इतिहासकारों की दो राय हैं। सभी का मानना है कि बुल्ले शाह के माता-पिता पुश्तैनी रूप से वर्तमान पाकिस्तान में स्थित बहावलपुर राज्य के "उच्च गिलानियाँ" नामक गाँव से थे, जहाँ से वे किसी कारण से मलकवाल गाँव (ज़िला मुलतान) गए। मालकवल में पाँडोके नामक गाँव के मालिक अपने गाँव की मस्जिद के लिये मौलवी ढूँढते आए। इस कार्य के लिये उन्होंने बुल्ले शाह के पिता शाह मुहम्मद दरवेश को चुना, और बुल्ले शाह के माता-पिता पाँडोके (वर्तमान नाम पाँडोके भट्टीयाँ) चले गए। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि बुल्ले शाह का जन्म पाँडोके में हुआ था, और कुछ का मानना है कि उनका जन्म उच्च गिलानियाँ में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन के पहले छः महीने वहीं बिताए थे।<ref name="ज्ञान">{{cite book|title=Encyclopaedia Of Untouchables : Ancient Medieval And Modern|author=राज कुमार|publisher=ज्ञान प्रकाशन घर|place=|year=|url=http://books.google.com/books?id=e8o5HyC0-FUC|accessdate=15 मार्च 2012|ISBN=
बुल्ले शाह के दादा सय्यद अब्दुर रज्ज़ाक़ थे और वे सय्यद जलाल-उद-दीन बुख़ारी के वंशज थे। सय्यद जलाल-उद-दीन बुख़ारी बुल्ले शाह के जन्म से तीन सौ साल पहले सुर्ख़ बुख़ारा नामक जगह से आकर मुलतान में बसे थे। बुल्ले शाह [[मुहम्मद]] की पुत्री [[फ़ातिमा]] के वंशजों में से थे।<ref name="निर्वाण">{{cite book|title=Nirvana|trans_title=निर्वाण|author=चरनजीत लाल सेहगल|publisher=अनामिका प्रकाशक और वितरक|year=2008|url=http://books.google.com/books?id=qrNeFqTGIAkC|accessdate=16 मार्च 2012|ISBN=
== जीवन ==
बुल्ले शाह का असली नाम अब्दुल्ला शाह था।
== रचनात्मक कार्य ==
Line 58 ⟶ 54:
* इनकी कविता का प्रयोग पाकिस्तानी फ़िल्म "ख़ुदा के लिये" के गाने "बन्दया हो" में किया गया था।
* इनकी कविता का प्रयोग बॉलीवुड फ़िल्म रॉकस्टार के गाने "कतया करूँ" में किया गया था।
* 2007 में इनके देहांत की 250वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये क़सूर शहर में एक लाख से अधिक लोग एकत्रित हुए थे।<ref name="duel">{{cite book|title=The duel: Pakistan on the flight path of American power|author=तारिक़ अली|publisher=साइमन एंड शूस्टर|place=|year=2008|url=http://books.google.com/books?id=zfLaN1-z6WEC|accessdate=17 मार्च 2012|ISBN=
* फ़िल्म [[दिल से]] के गाने "छइयाँ छइयाँ" के बोल इनकी काफ़ी "तेरे इश्क नचाया कर थैया थैया" पर आधारित थे।<ref>{{cite book|title=Filming the Gods: Religion and Indian Cinema|author=Rachel Dwyer|publisher=Routledge|year=|place=|url=http://books.google.co.in/books?id=ZsKR1RKoJKUC|accessdate=19 मार्च 2012|ISBN=
== विस्तृत पाठन ==
* {{cite book|title=Bulleh Shah: the love-intoxicated iconoclast|author=जे॰ आर॰ पूरी, टी॰ आर॰ शंगारी|publisher=राधा स्वामी सतसंग ब्यास|place=|year=1986|series=Mystics of the East|volume=10|language=अंग्रेज़ी|url=http://books.google.co.in/books/?id=QQE2AAAAMAAJ}}
* {{cite book|title=ਸਾਈਂ ਬੁੱਲ੍ਹੇਸ਼ਾਹ|trans_title=साईं बुल्लेशाह|author=जे॰ आर॰ पूरी, टी॰ आर॰ शंगारी|publisher=राधा स्वामी सतसंग ब्यास|place=|edition=13|year=2011|language=पंजाबी|url=|ISBN=978-81-8256-953-9}}
==सन्दर्भ==
{{reflist|3}}
== बाहरी कड़ियाँ ==
|