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ડટ[[चित्र:Olivesfromjordan.jpg|300px|right|thumb|जैतून के फल]]
[[चित्र:Olive trees on Thassos.JPG|300px|right|thumb|यूनान में जैतून के वृक्ष]]
'''जैतून''' [[अँग्रेजी]] नाम ओलिव (olive), [[वानस्पतिक नाम]] 'ओलियाओलेआ यूरोपियाएउरोपेआ', (Olea europaea); प्रजाति ओलिया, जाति थूरोपिया; कुल ओलियेसी; एक वृक्ष है, जिसका उत्पत्तिस्थान पश्चिम एशिया है। यह प्रसिद्ध है कि [[यूनान]] के ऐटिका (एथेंस) प्रांत की पहाड़ियों में, चूनेदार चट्टानों द्वारा बनी हुई मिट्टी में, जैतून के वृक्ष सर्वप्रथम पैदा किए गए। ये अब [[भूमध्य सागर]] के आस-पास के देशों, जैसे स्पेन, पुर्तगाल, ट्यूनीशिया और टर्की आदि में भली भाँति पैदा किए जाते हैं। यूनान के पर्वतीय प्रांतों में जैतून की खेती व्यापारिक अभिप्राय से की जाती है। [[अफ्रीका]] के केप उपनिवेश, [[चीन]] तथा [[न्यूज़ीलैंड]] में भी इसकी खेती सफलता पूर्वक की जाती है। [[अमरीका]] के कैलिफोर्निया प्रांत में जैतून के बाग लगा गए हैं।
 
यूरोप में जैतून के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं। एक जंगली काँटेदार और दूसरा बिना काँटे का होता है। जंगली वृक्ष छोटा या झाड़ी की भाँति होता है और उसकी डालियों पर काँटे होते हैं। पत्तियाँ विपरीत, दीर्घवत्‌ और नुकीली होती हैं। इसके पुष्प सफेद होते हैं तथा प्रत्येक पुष्प में चार विदरित बाह्यदलपुंज (calyx) तथा दलपुंज (corolla), दो पुंकेसर तथा द्विशाख वर्तिंकाग्र (stigma) होते हैं। बागों में लगाए गए वृक्ष ऊँचे, सुगठित और बिना काँटे के होते हैं। इनकी कई किस्में हैं। इस वृक्ष के फल से व्यापारिक महत्व का तेल प्राप्त किया जाता है। इसके फल में सूखे पदार्थ के आधार पर 50 से 60 प्रति शत तक तेल रहता है। इसे भली भाँति कुचल कर, दबाकर या दाबक से तेल निकालते हैं। फल का अचार बनाया जाता है। ये तिक्त होते हैं। नमक के पानी मे फल का रखने स तिक्तता दूर हो जाती है।