"गोत्र": अवतरणों में अंतर
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'''गोत्र''' मोटे तौर पर उन लोगों को संदर्भित करता है जिनका वंशज एक आम पुरुष पूर्वज से अटूट क्रम में जुड़ा है। व्याकरण के प्रयोजनों के लिये पणिनी में गोत्र की परिभाषा है 'अपात्यम पौत्रप्रभ्रति गोत्रम्' (४।१।१६२), अर्थात 'गोत्र शब्द का अर्थ है बेटे के बेटे के साथ शुरू होने वाली (एक साधु की) संतान्।
==इन्हें भी देखें==
भुमिहार ब्रह्मामन मे [सोन्भद्रिआ वाभन ]== का गोत्र''' ==वात्सल्य [अप्भरन्स मे बच्ह्गोतिया] है।
तोमर का गोत्र दियागस है !
गुल्ला का गोत्र कुशल / कौशल्य / कौशल है ।
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