"पठान": अवतरणों में अंतर

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==पश्तून क़बीले==
पश्तून लोक-मान्यताओं के अनुसार सारे पश्तून चार गुटों में विभाजित हैं: '''सरबानी''' (<small>{{Nastaliq|ur|سربانی}}, Sarbani</small>), '''बैतानी''' (<small>{{Nastaliq|ur|بتانی}}, Baitani</small>), '''ग़रग़श्ती''' (<small>{{Nastaliq|ur|غرغوشتی}}, Gharghashti</small>) और '''करलानी''' (<small>{{Nastaliq|ur|کرلانی}}, Karlani</small>)। मौखिक परंपरा के अनुसार यह क़ैस अब्दुल रशीद जो समस्त पख्तूनो के मूल पिता माने जाते हैं उनके चार बेटों के नाम से यह चार क़बीले बने थे। इन गुटों में बहुत से क़बीले और उपक़बीले आते हैं और माना जाता है कि कुल मिलाकर पश्तूनों के ३५० से ४०० क़बीले हैं।<ref name="ref94papez">[http://books.google.com/books?id=TKUxyVCrYn0C A Historical Atlas of AfghanistanHistorical Atlases of South Asia, Central Asia and the Middle East], Amy Romano, The Rosen Publishing Group, 2003, ISBN 9780823938636</ref><ref>[http://www.jamestown.org/programs/gta/single/?tx_ttnews%5Btt_news%5D=891&tx_ttnews%5BbackPid%5D=181&no_cache=1 Profiles of Pakistan's Seven Tribal Agencies], Syed Saleem Shahzad</ref> पख्तून क़बीले कई स्तरो पर विभाजित रहते हैं। त्ताहर (क़बीला) कई ख़ेल अरज़ोई या ज़ाई से मिल कर बना होता है। ख़ेल कई प्लारीनाओं से मिल कर बना होता है। प्लारीना कई परिवारों से मिल कर बना होता है, जिन्हें कहोल कहा जाता है। एक बड़े क़बीले में अक्सर कई दर्जन उप क़बीले होते हैं वे ख़ुद को एक दूसरे से जुड़ा हुआ मानते हैं। अपने परिवार के वंश व्रक्ष में उनसे संबन्ध बताते हैं यह इस उपक़बीले से सहयोग, प्रतिस्पर्धा, अथवा टकराव पर निर्भर करता है। पख्तू क़बीलाई व्यवस्था में काहोल सबसे छोटी इकाई होती है। इसमें १- ज़मन (बेटे) २- ईमासी (पोते) ३- ख़्वासी (पर पोते) ४- ख़्वादी (पर-पर पोते) होते हैं। तीसरी पीढी का जन्म होते ही परिवार को कोहल का दर्जा मिल जाता है। मुख्य पख़्तून क़बीले इस प्रकार हैं:
1- *'''सर्बानी क़बीले''' :-
 
पख्तून क़बीले कई स्तरो पर विभाजित रहते हैं। त्ताहर ( क़बीला) कई खेल अर्ज़ोई या ज़ाई से मिल कर बना होता है। खेल कई प्लारीनाओं से मिल कर बना होता है। प्लारीना कई परिवारों से मिल कर बना होता है, जिन्हें कहोल कहा जाता है।
एक बड़े क़बीले में अक्सर कई दर्जन उप क़बीले होते हैं वे ख़ुद को एक दूसरे से जुड़ा हुआ मानते हैं। अपने परिवार के वंश व्रक्ष में उनसे संबन्ध बताते हैं यह इस उपक़बीले से सहयोग, प्रतिस्पर्धा, अथवा टकराव पर निर्भर करता है।
पख्तू क़बीलाई व्यवस्था में काहोल सबसे छोटी इकाई होती है। इसमें1 ज़मन ( बेटे) 2ईमासी ( पोते ) 3 ख़्वासी ( पर पोते ) 4 ख़्वादी ( पर पर पोते ) होते हैं। तीसरी पीढी का जन्म होते ही परिवार को कोहल का दर्जा मिल जाता है।
मुख्य पख़्तून क़बीले इस प्रकार हैं
ख़ैश अब्दुल रशीद
1- सर्बानी 2- ग़र्गश्त 3- क़ारियानी 4- बैतानी
इनमें कई कई क़बीले शामिल हैं मुख्य क़बीले इस प्रकार हैं
1- सर्बानी क़बीले :-
1. Sheranai शेर्नाई
2. Jalwaanai जलानाई
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37. Salarzaiसलार्ज़ाई
38. Malgoorai मल्गुराई
2- *'''ग़र्ग़श्त क़बीले''' :-
3- Babai बाबई
4- Mandokhail मन्दूखैल
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17- Shalman शलमोन
18- Eisoot (Isot) ईसोत
*'''ख़रलानी क़बीले''' :-
1. Mangal मंगल
2. Kakai काकई
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25. Muqbal मुकबल
26.
*'''बैतानी क़बीले''' :-
1. Sahaak सहाक
2. Tarakai तराकज़ाई
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28. Betani (Baitanee) भैतानी
29. Khasoor ख़सूर
 
यह सभी क़बीले भी कई कई त्ताबरों, कैलों, प्लारीनाओं, व काहूलों में बंटे हुए हैं। यही क़बीलाई संरचना भारत के पठानों द्वारा भी अपनाई जा रही है।
भारत के कै इलको मे पठान रेह्ते हे खास तोरसे अह्मदाबाद, विजपुर, हिमतनहगर, पलन्पुर,
 
==इन्हें भी देखें==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पठान" से प्राप्त