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''वर्तमान भारत में राज निति का केन्द्र स्थान पर हमेसा गाँधी रहे है ।मगर ये एक हकीकत है के जितने भी आन्दोलन हुआ थे इन में गाँधी का योगदान था या नहीं था ये बात शायद ही कोई भारतीय के नजरिये में आई है अगर गाँधी वादी लोगो को बुरा लगे तो भले ही लगे किन्तु में जो लिखने जा रहा हूँ ये भी एक जमीनी हकीकत है सच्चाई है।और ये सचाई से ओई परहेज नहीं कर शकता और कोई भी अपना मुह छिपा नहीं शकता ।
 
और में कहता हू के गाँधी में कोई ज्यादा राष्ट्र वाद नाम का कोई वाद ही नहीं था य इ केवल एक ढोंग था और भारत के तथाकिथित पूंजीवादी लोगो के लिए केवल गाँधी ने कामकिया है नहीं के भारत के उस समय के उन करोडो गरीबो के लिए ।