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बकरीद पर कारोबार चमक जाता है। औसतन प्रतिदिन अकेले कैला भट्टे में ही 2 से 3 लाख रुपये का कारोबार हो रहा है। जबकि अन्य दिनों में काफी कम होता था। बकरीद पर कुर्बानी देना शबाब का काम माना जाता है। इसलिए हर कोई उस दिन कुर्बानी देता है।
 
[[श्रेणी:त्योहारइस्लाम त्यौहार]]
==बाहरी कड़ियाँ==
[http://www.achhikhabar.com/2011/11/07/%E0%A4%87%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B9%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AE/ इदुलजुहा या बकरीद क्यों मनाते हैं?]